
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज दोपहर आम बजट 2021-22 में पुराने वाहनों को सड़कों से हटाने के लिए ‘स्क्रैप पॉलिसी’ लाने की घोषणा की। इस पॉलिसी के तहत 20 साल पुराने निजी वाहनों और 15 साल पुराने कमर्शियल वाहनों का हर साल फिटनेस टेस्ट होगा। टेस्ट में फेल होने पर गाड़ी को स्क्रैप में भेज दिया जाएगा। पुरानी गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन और रिन्युअल फीस भी दो से तीन गुना तक ज्यादा होगी।
20 साल पुराने निजी वाहनों करीब 2.80 करोड़ वाहन स्क्रैप पॉलिसी के अंतर्गत आएंगे
स्क्रैप पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य ऑटो सेक्टर को राहत देना है। आपको अपना पुराना वाहन स्क्रैप सेंटर को बेचना होगा, जहां से एक सर्टिफिकेट मिलेगा। इस सर्टिफिकेट से नई कार खरीदने वालों का कार रजिस्ट्रेशन मुफ्त में किया जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक, करीब 2.80 करोड़ वाहन स्क्रैप पॉलिसी के अंतर्गत आएंगे।
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वाहन बनाने के खर्च में 30% तक की आएगी कमी
देश भर में पांच स्क्रैप सेंटर बनाए जाएंगे। वहां से रिसाइकल के लिए कच्चा माल उपलब्ध होगा। इससे गाड़ी बनाने का खर्च 30% तक कम होने की संभावना है।
खरीदार को डिस्काउंट मिलेगा, पॉल्यूशन भी कम होगा
एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऑटो स्क्रैपेज पॉलिसी लागू होने के बाद अगर कोई 10 लाख रुपए की कार खरीदता है, तो उसे 30% के हिसाब से 3 लाख का डिस्काउंट मिल सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि नई कार पॉल्यूशन कम करती है। इससे ऑटो इंडस्ट्री को भी ग्रोथ मिलेगी।