
यूपी विधानसभा के मानसून सत्र का तीसरा अंतिम दिन भी हंगामेदार रहा। कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष पूरी तरह से सरकार पर हमलावर दिखा। इस दौरान समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं ने कानून व्यवस्था के साथ ही, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। आपको बता दें कि शुक्रवार को भी विधायक जन्मेजय सिंह के निधन और हंगामे के चलते ही कार्यवाही स्थगित कर दी गयी थी। लेकिन शनिवार को हंगामे के बीच भी सरकार ने विधेयक पेश किये। इसी के साथ उन पर मुहर भी लगी।

हंगामे के बीच पेश हुए यह विधेयक
- उत्तर प्रदेश लोक एवं निजी सम्पत्ति क्षति वसूली विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश आकस्मिकता निधि (संशोधन) विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन द्वितीय (संशोधन) विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश राज्य विधानमंडल सदस्यों की उपलब्धियों और पेंशन (संशोधन) विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश औद्योगिक विवाद (संशोधन) विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश कारखाना विवाद (संशोधन) विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास (संशोधन) विधेयक 2020
- कारागार अधिनियम 1894 में (संशोधन) विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश मूल्य संवर्धित कर संशोधन विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश मंत्री वेतन भत्ता, और प्रकीर्ण उपबंध (संशोधन) विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश कतिपय श्रम विधियों से अस्थाई छूट (संशोधन) विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी (संशोधन) विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं महामारी रोग नियंत्रण विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश गोवध निवारण (संशोधन) विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) (संशोधन) विधेयक 2020
- कारागार उत्तर प्रदेश (संशोधन) विधेयक 2020
- उत्तर प्रदेश गन्ना पूर्ति तथा खरीद विनियमन अध्यादेश