यह मंत्र सूर्योपासना के लिए कारगर है

images (1)भगवान सूर्य जिन्हें कीर्ति, यश, समृद्धि का दायक माना जाता है। सौर मंडल के सभी ग्रह सूर्य के आसपास ही घूमते हैं। सूर्य के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। जन्मकुंडली में भी सूर्य देव का विशेष महत्व है। सूर्य के बलवान होने और अच्छी स्थिति में होेने पर जातक पराक्रमी होती है। जातक निरोगी होता है। जातक की काया में लालिमा होती है। और जातक तेजस्वी होता है

लेकिन यदि सूर्य पाप ग्रह के प्रभाव में है या फिर निम्न का है तो जातक को कई तरह की परेशानियां होती हैं। भगसान सूर्य नवग्रहों में बेहद प्रधान हैं। वे अपने रथ अंगिरा, ऋषि, विश्वासु गंधर्व, प्रम्लोचा, अप्सरा, एलापुत्र, नाग, श्रोता, यक्ष और शर्य के साथ ही गमन करते हैं। यदि भगवान सूर्य की आराधना करें तो अभिष्ट की सिद्धि होती है। भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए यह मंत्र बेहद कारगर होता है।

इन्द्रो विश्वावसुश्श्रोता चेलापुत्रस्तथाड्गिराः। प्रम्लोचा राक्षसश्यार्यो नभोमासं नयन्त्मी।।
सहस्त्ररश्मिसंवीतमिन्द्रं वरदमाश्रेये। शिरसा प्रणमाम्यद्य श्रेयो वृद्धिप्रदायकम्।।

यदि इस मंत्र का जाप किया जाए तो भगवान सूर्य प्रसन्न होते हैं। इस मंत्र के साथ तांबे के कलश से सूर्य को अध्र्य देने पर सुख, समृद्धि का वरदान मिलता है।