मोदी ने शुरू की बड़ी तैयारी, इस डील से पाक ही नहीं चीन के भी उड़ेंगे होश

मोदीनई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्यॉरिटी ने 145 अमेरिका निर्मित बेहद हल्के एम-777 होवित्जर तोपों की खरीद को मंजूरी दे दी है।

भारत और अमेरिका की सरकारों के बीच पांच हजार करोड़ रुपए की इस डील में 30 पर्सेंट का ऑफसेट क्लॉज रखा गया है। यानी भारतीय कंपनियों को भी इस डील के तहत काम मिलेगा। डील पर अगले दो या तीन हफ्ते में साइन होने की उम्मीद है।

अमेरिका ने दक्षिण एशिया की राजनीतिक स्थिरता, शांति और आर्थिक प्रगति के लिए अपने ‘एक अहम साझेदार’ की सुरक्षा मजबूत करने को लेकर भारत को 155 मिमी वाली अत्याधुनिक 145 होवित्जर तोप 88.5 करोड़ डॉलर में बचने का फैसला किया है। भारतीय सेना 2017 मध्य से 155 मिमी होवित्जर तोपों को इस्तेमाल के लिए शामिल करने की प्रक्रिया शुरू करेगी।

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन की ओर से भारत को दिया गया लेटर ऑफ ऑफर और एसेप्टेंस फिलहाल 20 नवंबर तक वैध है। हालांकि, इसकी समयसीमा को 10 से 15 दिन और बढ़ाया जा सकता है।’

बोफोर्स तोप का नया वर्जन , नाम है धनुष

ख़ास बात यह है कि एम-777 को बनाने वाली कंपनी बीएई सिस्टम्स है। बीएई सिस्टम्स के पास ही फिलहाल स्वीडिश कंपनी बोफोर्स का मालिकाना हक है। उधर, भारत ने भी ऑरिजनल बोफोर्स तोप को इलेक्ट्रॉनिक तौर पर अपग्रेड करके बेहतर वर्जन तैयार किया और उसे ‘धनुष’ नाम दिया। इसका ट्रायल फिलहाल फाइनल स्टेज में है, जिसके बाद इसे सेना में शामिल कर लिया जाएगा।

बीएई सिस्टम कंपनी 145  एम-777 होवित्जर तोपों में से 120 को भारत में ही असेंबल और तैयार करेगी। उसने भारतीय कंपनी महिंद्रा को अपना बिजनस पार्टनर चुना है। कॉन्ट्रैक्ट पर दस्तखत होने के छह महीने के भीतर पहले दो होवित्जर तोपों की डिलिवरी होगी। बाद में हर महीने दो तोप की डिलिवरी होगी। एम-777 तोपों को सेना की नई टुकड़ी 17 माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स को दिया जाना है। मकसद चीन के खिलाफ सेना की त्वरित जवाब देने की क्षमता को बढ़ाना है।

एक दशक से थी मांग

करीब 12 लाख सैनिकों वाली सामर्थ्यवान भारतीय सेना बीते एक दशक से ऐसे 155एमएम  और 39 कैलिबर वाले बेहद हल्के होवित्जर तोपों की मांग कर रही है। इन तोपों के हमले की रेंज 25 किमी से ज्यादा है। चीन से सटे 4057 किमी लंबे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के नजदीक अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में ‘खतरे वाली अधिक ऊंचाई वाली जगहों’ पर इन तोपों को बेहद आसानी से एयरलिफ्ट किया जा सकता है। टाइटेनियम धातु के इस्तेमाल की वजह से होवित्जर का वजन महज 4 टन है। इसे 16 हजार फीट की ऊंचाई तक पहुंचाया जा सकता है।

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