मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अपने समुदाय का सबसे बड़ा दुश्मन

मुंबई। अपने विचारों को लेकर मुखर रहने वाले जानेमाने गीतकार जावेद अख्तर ने तुरंत तलाक प्रणाली को न्यायोचित ठहराने वाले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की निंदा की है।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शुक्रवार को ‘तीन तलाक’ और बहुविवाह की प्रथा का बचाव किया था और बहुविवाह प्रथा पर जोर देते हुए इसे सामाजिक जरूरत और आर्शीवाद एवं महिलाओं के लिए अभिशाप नहीं बताया था।

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जावेद ने शनिवार को ट्वीट किया, “मैं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। वह अपनी समुदाय के ही सबसे बुरे दुश्मन हैं।”

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई अपनी याचिका में इस बोर्ड ने कहा है कि अगर पति के पास बहुविवाह का विकल्प नहीं उपलब्ध है, तो वह अपनी मौजूदा पत्नी को तलाक दे सकता है या अवैध संबंध में शामिल हो सकता है।

शादी तलाक और रखरखाव से संबंधित मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के बारे में स्वयं संज्ञान लेते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि सामाजिक ताने-बाने के लिहाज से एक गैरकानूनी अवैध संबंध दूसरी कानूनी पत्नी से ज्यादा हानिकारक है।

पति से तलाक लेने के लिए शरिया अधिकार देने का बचाव करते हुए बोर्ड ने कहा कि पुरुषों में निर्णय लेने की बहुत शक्ति है। वे भावनाओं को नियंत्रित कर लेते हैं और जल्दबाजी में निर्णय नहीं लेते हैं।

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