भारतीय इकॉनमी अभी भले धीमी है लेकिन बहुत जल्द होगा बदलावः RBI के पूर्व गवर्नर
भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान ने कहा है कि अभी भले ही भारत की अर्थव्यवस्था धीमी है लेकने ये अगले एक से दो साल में गति पकड़ेगी।
जालान ने पीटीआई भाषा से साक्षात्कार में इस बात की जानकारी दी है कि सरकार कई सुधारों की घोषणा करने के लिए तैयार है, अब सवाल उनके क्रियान्वयन का है विशेषरूप से निवेश की दृष्टि से.
उन्होंने कहा, ‘‘वृद्धि में सुस्ती चक्रीय है. एक या दो साल में निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था में सुधार होगा.’’
बिमल जालान ने इस बात को स्पष्ट रूप से कहा कि अब की स्थिति 1991 की तुलना में काफी अलग है. उस समय देश को बाहरी मोर्चे पर गंभीर आर्थिक संकट से जूझना पड़ा था.
उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘1991 की तुलना में भारत आज काफी मजबूत स्थिति में है. यदि आप मुद्रास्फीति की दर देखें तो यह काफी निचले स्तर पर है. अगर आप विदेशी मुद्रा भंडार देखें तो यह काफी ऊंचे स्तर पर है.’’
वैश्विक और घरेलू कारणों से अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने भारत की वृद्धि दर के अनुमान को कम किया है.
आईएमएफ के ताजा अनुमान के अनुसार 2019 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7 प्रतिशत और 2020 में 7.2 प्रतिशत रहेगी. वहीं एडीबी ने भी चालू साल के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया है.
यह पूछे जाने पर कि निजी क्षेत्र निवेश क्यों नहीं कर रहा है, जालान ने कहा कि यह नोटबंदी के बाद का प्रभाव हो सकता है या वे लोकसभा चुनाव के नतीजों का इंतजार कर रहे थे.
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व्यय प्रबंधन आयोग के पूर्व चेयरमैन ने विदेशी सरकारी कर्ज के बारे में पूछे जाने पर कहा कि सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी है कि यह 5 से 20 साल के लिए होगा. यह लघु अवधि के लिए नहीं होना चाहिए.