सीएम नीतीश ने बाढ़ से निपटने के लिए की पीएम से मुलाकात
नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें राज्य में बाढ़ की स्थिति से अवगत कराया।
बिहार में बाढ़ से कम से कम 23 लाख लोग प्रभावित हैं।
उन्होंने गंगा नदी में जमा गाद के पुनरीक्षण के लिए विशेषज्ञों का एक दल भेजने की मांग की और कहा कि गाद प्रबंधन नीति जल्द से जल्द बनाई जानी चाहिए।
गंगा एवं अन्य बड़ी नदियों में बाढ़ से बिहार का एक बड़ा इलाका पिछले कुछ दिनों से डूबा हुआ है।
इसकी वजह से हजारों लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 14 लोगों की जान गई है, जिनमें अकेले भोजपुर जिले में नौ मरे हैं।
प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद नीतीश ने कहा कि गाद जमा होने के कारण गंगा की जलग्रहण क्षमता घटी है। राज्य में साल दर साल आने वाली बाढ़ का एक प्रमुख कारण गाद ही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि हम लोगों ने गंगा को गाद मुक्त करने के महत्व को अभी नहीं महसूस किया तो आने वाले वर्षो में स्थिति और खराब होगी, क्योंकि पानी नए इलाकों में फैलेगा।
उन्होंने कहा कि नदी की जलग्रहण क्षमता बढ़ाने के लिए गाद प्रबंधन की जरूरत है और सरकार को हर हाल में गाद प्रबंधन नीति लागू करने के बारे में सोचना चाहिए।
कुमार ने बाढ़ की समस्या के स्थायी समाधान के लिए एक विशेषज्ञ दल भेजने का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री से स्थिति के आकलन के लिए विशेषज्ञों को बिहार भेजने का आग्रह किया है। प्रधानमंत्री ने हर संभव सहायता देने का भरोसा दिया है।
उन्होंने कहा कि बहुत अधिक गाद जमा होने से मोदी सरकार की ‘नमामि गंगे’ परियोजना भी प्रभावित होगी।
कुमार ने कहा कि भारी बारिश और पड़ोसी राज्य समस्या को बढ़ा रहे हैं, क्योंकि गंगा की सहायक नदियां गंगा में और पानी ला रही हैं।
इंद्रपुरी बांध से 12 लाख क्यूसेक पानी बिहार में सोन नदी में छोड़ा गया है और बाणसागर बांध भी बहुत पानी छोड़ रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप जलस्तर में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।