प्लास्टिक की बोतल से पानी पीना हो सकता है जानलेवा, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

प्लास्टिक के बोतलपानी का हमारे शरीर में बहुत महत्व होता है. हमारे शरीर का 60% भाग पानी का होता है. इसी लिए कहा जाता है कि स्वास्थ रहने के लिए खूब पानी का सेवन करना चाहिए. ज्यादा नही तो कम से कम दिन भार में 3 से 4 लीटर पानी पीना चाहिए. वैसे तो माना जाता है कि पीतल के बर्तन में पानी पीना फायदेमंद होता है लेकिन आज के समय में लोगों की लाइफ स्टाइल इतनी मॉडर्न हो गई है कि पीतल के बर्तन का इस्तेमाल करना बहुत आउट डेटेड लगता है. वो आधुनिक लाइफ स्टाइल के चलते प्लास्टिक की बोतल का पानी पीना ज्यादा पसंद करते है. लेकिन वो ये भूल जाते हैं कि जिस प्लास्टिक के बोतल का इस्तेमाल करते हैं वो दिखने में तो बहुत आकर्षक होती हैं लेकिन अगर हम आपसे कहें कि इन बोतलों से पानी पीना टॉइलेट की सीट चाटने जैसा है, तो?

ये पढ़कर आपको अजीब तो लग रहा होगा लेकिन ये बात सच है दरअसल एक रिसर्च की रिपोर्ट मुताबिक एक टॉइलेट सीट पर जितने कीटाणु होते हैं, उससे कहीं ज्यादा कीटाणु प्लास्टिक की उस बोतल में होते हैं, जिससे आप पानी पीते हैं. यहीं नहीं, आपके घर का पालतू जानवर जिस कटोरे में खाना खाता है, वो भी आपकी प्लास्टिक बॉटल से साफ होता है.वेबसाइट ट्रेडमिल रिव्यूज ने रिसर्च एजेंसी ‘एम लैब से उन बोतलों पर रिसर्च करने को कहा, जिन्हें खिलाड़ियों ने एक सप्ताह तक बिना धुले लगातार इस्तेमाल किया. रिपोर्ट में पाया गया कि इन प्लास्टिक बोतलों के सिर्फ एक स्क्वायर सेंटीमीटर हिस्से में ही 3 लाख से ज्यादा बैक्टीरिया थे.

लैब में इन बोतलों पर लाखों कीटाणु (कॉलोनी फॉर्मिंग यूनिट्स ऑफ बैक्टीरिया) रेंगते हुए पाए गए, जो टॉइलेट सीट पर रेंगने वाले कीटाणुओं से कहीं ज्यादा हैं. यहां तक कि पालतू जानवरों के खिलौनों पर भी करीब 3 हजार बैक्टीरिया होते हैं  ये रिसर्च चार तरह की प्लास्टिक बोतलों पर किया गया था- स्लाइड-टॉप, स्क्रू-टॉप, स्क्वीज-टॉप, स्ट्रॉ-टॉप.

स्लाइड-टॉप वाली बोतल वो होती हैं, जो अधिकतर जिम में इस्तेमाल की जाती हैं. पर बैक्टीरिया और जर्म्स की बात करें, तो वो इन्हीं बोतलों में सबसे ज्यादा होते हैं. इनमें लगभग 9 लाख बैक्टीरिया होते हैं. वहीं स्क्वीज-टॉप में करीब 1.62 लाख और स्क्रू-टॉप में 1.60 लाख कीटाणु होते हैं. इनके मुकाबले स्ट्रॉ-टॉप बोतलों में कम बैक्टीरिया होते हैं. सिर्फ 25. ऐसा इसलिए भी हो सकता है, क्योंकि इन बोतलों में पानी बोतल के सारे हिस्से से लगकर आने के बजाय स्ट्रॉ से बाहर आता है. यानी रिसर्च में स्ट्रॉ-टॉप बॉटल बेस्ट साबित हुई, पर बिल्कुल सेफ नहीं.

इन बैक्टीरिया से बचने के लिए ‘ट्रेडमिल रिव्यूज’ स्टेनलेस स्टील की बोतलें इस्तेमाल करने की सलाह देती है. इन बोलतों को भी समय-समय पर गर्म पानी से धो लेना हेल्थ के लिए अच्छा होता है.

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