पीएम मोदी को बताया झूठा, कहा-अब खुल गई फर्जी राष्ट्रवाद की पोल
नई दिल्ली। वन रैंक वन पेंशन (OROP) मामले में प्रदर्शन करने वाले पूर्व सैनिक की मौत पर सियासत का रंगमंच तैयार है। लालू के बाद अब राहुल गांधी और केजरीवाल ने भी पीएम मोदी पर निशाना साधा। केजरीवाल ने ट्वीट के माध्यम से नरेंद्र मोदी को झूठा और फर्जी राष्ट्रवाद का आडंबर फैलाने वाला बताया। वहीं बीते दिन लालू प्रसाद ने इसे संकीर्ण राजनीति का हिस्सा बताया था। आज इस पूर्व फ़ौजी का अंतिम संस्कार होना है। यहां राहुल और केजरीवाल दोनों ही मौजूद रहेंगे।
पीएम मोदी पर निशाना साधा
पोस्टमार्टम के बाद पूर्व फौजी का शव बुधवार देर रात उनके पैतृक गांव बामला लाया गया है। देर रात जब पूर्व सैनिक का शव उनके पैतृक गांव पहुंचा, तो रोहतक (हरियाणा) के सांसद और कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा, पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान उनके घर पहुंचे और पूर्व सैनिक के परिवार को सांत्वना दी।
गुरुवार को टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने भी पूर्व सैनिक के घर जाकर उनके परिवार से मुलाकात की है। रामकिशन ग्रेवाल की आत्महत्या पर सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने भी शोक जाहिर किया है।
पूर्व सैनिक की आत्महत्या के बाद पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए बुधवार को दिनभर सियासी संग्राम चला। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता इस मामले में कूद पड़े और दिनभर दिल्ली में सियासत हावी रही। पूर्व फौजी के परिवार से मिलने अस्पताल पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को मिलने नहीं दिया गया। इन तीनों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया। बाद में राहुल गांधी और मनीष सिसोदिया को पुलिस ने छोड़ दिया। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल आरके पुरम थाने में रखे गए थे। रात 11:30 के बाद पुलिस ने केजरीवाल को भी रिहा कर दिया।
राहुल गांधी को दो बार हिरासत में लिया गया और आखिरकार देर शाम जब पुलिस ने राहुल गांधी को छोड़ा, तो उन्होंने सरकार पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा कि सरकार ने ओआरओपी पर सैनिकों से वादा पूरा नहीं किया। राहुल ने कहा कि शहीद के परिवार वाले उनके मिलना चाहते थे, लेकिन केंद्र सरकार के इशारे पर उन्हें मिलने नहीं दिया गया। कांग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राहुल गांधी को हिरासत में लेने को इमरजेंसी करार दिया। राहुल गांधी ने कहा कि वे बस सरकार से पूछना चाह रहे थे कि शहीद के परिवारवालों को क्यों हिरासत में लिया गया है?
गौरतलब है कि बुधवार सुबह राजधानी दिल्ली में वन रैंक-वन पेंशन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे एक पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। रामकिशन हरियाणा के रहने वाले थे। पुलिस के मुताबिक, वह वन रैंक-वन पेंशन मुद्दे पर सरकार के फैसले से असहमत थे। जिसकी वजह से वह अपने कुछ साथियों के साथ सोमवार से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे।
पूर्व फौजी रामकिशन ग्रेवाल के बेटे जसवंत ने आरोप लगाया कि जब वे राहुल गांधी से मिलकर अपनी समस्याएं रखने जा रहे थे, तो पुलिस ने हिरासत में ले लिया और उसके और उसके परिवार को प्रताड़ित किया गया।
रामकिशन ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा था। रामकिशन ग्रेवाल ने नोट में लिखा कि, ‘मैं अपने देश, मातृभूमि और जवानों के लिए अपने प्राण न्योछावर कर रहा हूँ।’ वहीं रामकिशन के छोटे बेटे ने बताया कि उसके पिता ने खुद इस बात की सूचना उसे फोन पर दी थी।
परिजनों की माने तो मंगलवार दोपहर रामकिशन अपने साथियों के साथ अपनी मांगों को लेकर रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर से मिलने जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही रामकिशन ने जहर खा लिया। आनन-फानन में रामकिशन को राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।