
नई दिल्ली | भारत ने अमेरिका के साथ पनडुब्बी का पता लगाने में सक्षम चार पी-8 आई हंटर विमानों का सौदा किया है। भारत ने अमेरिकी कंपनी बोइंग से यह सौदा एक अरब डॉलर में किया है। बोइंग से 2।1 अरब डॉलर के सौदे में ऐसे आठ विमान पहले ही खरीदे जा चुके हैं। पी-8आई का बेड़ा नौसेना की पनडुब्बी रोधी और जमीन से होने वाले युद्ध के मोर्चे पर अहम भूमिका निभाएगा।
8.8 अरब डॉलर में राफेल डील फाइनल
भारत बोइंग से 2.1 अरब डॉलर के सौदे के तहत ऐसे आठ विमान पहले ही खरीद चुका है। पी-8आई बेड़ा भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रोधी ताकत को मजबूत करेगा। इन विमानों से समुद्र के भीतर की खुफिया निगरानी और सर्वेक्षण का काम और बेहतर तरीके से हो पाएग और भारत की पानी के अंदर युद्ध करने की ताकत भी बढ़ेगी।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का कहना है कि इससे समुद्र के भीतर युद्ध की ताकत के साथ खुफिया निगरानी और सर्वेक्षण का काम भी मजबूत होगा। विमानों का यह बेड़ा सोवियत युग के टीयू-142 विमानों की जगह लेगा। पी-8आई 2050 तक नौसेना को अपनी सेवाएं देंगे। पी-8आई अमेरिकी नौसेना द्वारा इस्तेमाल पी-8ए पोसिडोन का भारतीय संस्करण है, इसे खासतौर पर भारतीय नौसेना की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है।
ये हैं खासियतें
दो कॉकपिटों वाला ये प्लेन बेहद छोटे रनवे पर लैंड कर सकता है। ये पानी के अंदर पनडुब्बियों पर निशाना साधने में सक्षम टारपीडो से लैस है। ये विमान मिसाइलों, बमों और माइंस को लेकर जा सकता है।
450 मील प्रति घंटे की रफ्तार
नौसेना के पी-8आई बेड़े की तैनाती तमिलनाडु के राजाली नौसेना एयरबेस स्टेशन पर है। ये विमाना 450 मील प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। निगरानी कर सकता है।