कोरोना महामारी का टीका लगने के बाद अगर आपको प्रतिकूल असर से अस्पताल में भर्ती होने पर स्वास्थ्य बीमा धारकों का खर्च उठाएंगी कंपनियां। भारतीय बीमा एवं विकास प्राधिकरण ने इस बीते बृहस्पतिवार को जारी कर दिया हैं।

इरडा ने कहा कि स्वास्थ्य बीमा करने वाले ग्राहक की कोविड-19 टीका लगने से अगर तबियत खराब होती है.और अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है, तो उस इलाज का पूरा खर्च के लिए बीमा कंपनी से क्लेम कर सकेंगे। बीमा नियामक ने पिछले दिनों स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में कोविड-19 के इलाज को शामिल कराया है, लेकिन इसमें टीके का खर्च शामिल नहीं किया गया था, जो अब भी पॉलिसी से बाहर है।
वहीं स्वास्थ्य कर्मियों ने बीमा कंपनियों से सवाल किया था कि टीका लगने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, तो इलाज का खर्च बीमा कंपनी उठाएगी। इस पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए इरडा ने जवाब दिया है कि स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी की सामान्य नियम व शर्तों के निर्देशानुसार ग्राहक को क्लेम करना होगा।
सरकार की बीमा कंपनी एलआईसी संकट से जूझ रहे अपने ग्राहकों के सेटलमेंटके प्रक्रिया को आसान कर दिया है। बृहस्पतिवार को कंपनी ने बताया की ग्राहक अपनी पॉलिसी की परिपक्वता अवधि से जुड़े दस्तावेज देश के किसी भी एलआईसी कार्यालय में जमा करा सकते है।
इस सुविधा को अभी ट्रायल के रूप में लागू किया जाएगा और उपभोक्ता 31 मार्च, 2021 तक इसके तहत क्लेम कर सकेंगे। दस्तावेज जमा होने के बाद क्लेम का भुगतान मूल शाखा से ही होगा। सभी शाखाओं को इस बात की सूचना दिया जा चुका हैं।