

खबरों के मुताबिक भारत की खुदरा महंगाई दर अगस्त महीने में 10 महीने के ऊंचे स्तर पर पहुंच सकती है. खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतों की वजह से महंगाई ऊपर की ओर जा रही है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के एक सर्वेक्षण में देश के प्रमुख इकोनॉमिस्ट ने यह अनुमान लगाया है.
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लेकिन महंगाई के लगातार बढ़ने के बाद अभी मोदी सरकार के लिए कुछ राहत के बिंदु भी हैं, इसकी वजह से रिजर्व बैंक एक बार फिर ब्याज दरों में कटौती कर सकता है.
वहीं महंगाई तय करने वाले जिंसों में खाद्य पदार्थों का हिस्सा करीब आधा होता है. रॉयटर्स के सर्वे में शामिल 40 इकोनॉमिस्ट में से ज्यादातर ने यह माना है कि अगस्त महीने में खुदरा महंगाई की दर 3.3 फीसदी रहेगी जो कि पिछले 10 महीने का सबसे ऊंचा स्तर है. इसके पहले जुलाई महीने में खुदरा महंगाई दर 3.15 फीसदी थी.
दरअसल दक्षिण-पश्चिमी राज्यों में भारी बाढ़ की वजह से आपूर्ति में व्यवधान आई जिससे अगस्त महीने में महंगाई और बढ़ने के आसार हैं. हालांकि, अगस्त की महंगाई का आंकड़ा अगर 3.3 फीसदी के आसपास रहता है तो भी यह लगातार 13वें महीने भारतीय रिजर्व बैंक के मध्यम अवधि के लक्ष्य 4 फीसदी के भीतर ही रहेगा. इसका मतलब यह है कि रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में एक बार और कटौती की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. जहां इस दौरान कच्चे तेल की कीमतों में 7 फीसदी की गिरावट आई है, जो कि भारत का सबसे बड़ा आयात है, फिर भी महंगाई बढ़ने की आशंका है.