मोदी ने जिस चीज के लिए खींची लक्ष्मण रेखा, इस सीएम ने उसी को पार कर घोंपा पीठ में छुरा, चली जाएगी…

जानवरों की कटाईतिरुवनंतपुरम। केंद्र सरकार ने जहां जानवरों की कटाई के लिए कड़े नियम बनाए हैं। वहीं, शनिवार को केरल के गोमांस विक्रेताओं के कारोबार पर इसका कोई असर देखने को नहीं मिला और अपने पसंदीदा खाद्य पदार्थ को खरीदने के लिए हमेशा की तरह लोगों की भारी भीड़ देखी गई। मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने इन नए नियमों की आलोचना करते हुए कहा है कि यह और कुछ नहीं, बल्कि आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के एजेंडे को आगे बढ़ाने की चाल है। उन्होंने कहा कि ये नियम व्यावहारिक नहीं हैं और इस संबंध में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखेंगे।

वहीं, विपक्षी नेता और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रमेश चेन्निथला ने त्रिसूर में मीडिया से कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे से कानूनी और राजनीतिक दोनों तरीके से निपटेगी।

उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार लोगों के उस अधिकार का उल्लंघन नहीं कर सकती, जिसमें जनता के पास यह स्वतंत्रता है कि वह क्या खाए और क्या नहीं खाए। हम इस मुद्दे का कड़ाई से विरोध करेंगे।”

इस दौरान केरल में शनिवार को पशु कारोबारियों का व्यापार हमेशा की तरह चलता रहा और पलक्कड़ जिले के सबसे बड़े पशु बाजार कुझामंडम में सैंकड़ों गोवंश का कारोबार किया गया।

पशु कारोबारियों के एक समूह ने कहा, “हमें चिंता इस बात की है कि अगर राज्य सरकार इन नियमों को लागू करती है तो यह अव्यवहारिक होगा। हम इंतजार कर रहे हैं।”

इस दौरान, सभी राजनीतिक दलों ने भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के इस कदम को मूर्खतापूर्ण बताया है। वहीं, राज्य की भाजपा इकाई ने मुद्दे को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का मीडिया पर आरोप लगाया।

केरल भाजपा के महासचिव एम. टी. रमेश ने कहा, “मीडिया और राजनीतिक दल जानबूझकर तथ्यों को तोड़-मरोड़ रहे हैं। अगर किसी को संदेह है तो वह कानूनी मदद ले सकता है। आदेश स्पष्ट है और राजनीतिक फायदे के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।”

नए आदेश के खिलाफ प्रतिरोध का आह्वान करते हुए मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई-एम) की युवा इकाई ने समूचे केरल में बीफ समारोह मनाने का फैसला किया है, जहां गोमांस से बने व्यंजन परोसे जाएंगे।

राज्य में गोमांस की कीमत 280-300 रुपये प्रति किलोग्राम है।

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