जाट आंदोलन से निपटने के लिए बुलाई 55 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स

जाट आंदोलनचंडीगढ़। जाट आंदोलन को देखते हुए हरियाणा के जाट बहुल इलाकों में सुरक्षाबल तैनात कर दिए गए हैं। कुल 55 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स लगाई गई हैं। सोनीपत में चार आरएएफ, आठ सीआरपीएफ, तीन आईटीबीपी, तीन बीएसएफ की टुकडि़यां तैनात की गई हैं।

रोहतक में चार आरएएफ, दो सीआईएसएफ, एक बीएसएफ बल लगाया गया है। वहीं, जिंद में एक आरएएफ, तीन एसएसबी, एक बीएसएफ टुकडि़यों को तैनात किया गया है। इसके अलावा रोहतक में मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है। तनाव को देखते हुए इलाके में दुकानें बंद करा दी गई हैं।

जाट समुदाय के नेताओं के एक वर्ग ने आरक्षण के लिए आज से फिर जाट आंदोलन शुरू करने की घोषणा की थी। इसके मद्देनजर हरियाणा सरकार और राज्य पुलिस ने भी खुद को स्थिति से निपटने के लिए तैयार कर लिया है।

जाट आंदोलन पर सरकार सख्‍त

जींद जिले के गांव झांझ कलां में पहले एक रैली होगी इसके बाद जाट नेता आंदोलन पर बैठेंगे। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मियों एवं अर्धसैनिक बलों को सोनीपत, रोहतक, झज्जर, जींद, पानीपत और कैथल जैसे संवेदनशील जिलों में तैनात कर दिया गया है। सोनीपत जिले में आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लगा दी गई है। इसमें पांच या उससे अधिक लोगों के किसी जगह जमा होने पर रोक है।

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने जाट एवं अन्य समुदाय के लिए आरक्षण कोटा की अधिसूचना पर रोक लगा दी है। इससे उत्तरी राज्यों जिनमें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के लोग इस बात से चिंतित हैं कि आंदोलन के हरियाणा में फिर सड़क और रेल मार्ग जाम हो सकता है।

आल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति(एआईजेएएसएस) ने फिर से आंदोलन शुरू करने का आह्वान किया है। जाट समुदाय के कुछ अन्य वर्गो और उनके नेताओं ने इस आंदोलन से खुद को अलग कर लिया है। एआईजेएएसएस के नेता हवा सिंह सांगवान ने आश्वस्त किया है कि आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा।

हरिणाया ने अपने पांच दशकों के इतिहास में इस साल फरवरी में जाट आंदोलन के दौरान हिंसा का सबसे खराब दौर देखा था। आंदोलन के दौरान 30 लोगों की जान गई थी, 320 लोग घायल हुए थे और सैकड़ों करोड़ की संपत्ति बर्बाद हुई थी। करीब 10 दिनों तक राज्य पंगु बना रहा था।

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