कश्मीर घाटी में स्कूलों को जलाना दुर्भाग्यपूर्ण : महबूबा

कश्मीर घाटी जम्मू। जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कश्मीर घाटी में स्कूलों को जलाए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

जम्मू में नागरिक सचिवालय के उद्घाटन के दौरान उन्होंने कहा, “स्कूलों को जलाने वाले कुछ बदमाशों को सरकार ने पहले ही हिरासत में ले लिया है। मैं उम्मीद करती हूं कि अगले एक सप्ताह में हमलोगों के लिए अच्छी खबरें होनी चाहिए।”

चार महीनों मेें जलाए गए 30 स्कूल

पाकिस्तान से लगी सीमा पर संघर्ष विराम उल्लंघन पर टिप्पणी करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “पड़ोसी नहीं बदला जा सकता है और भारत तथा पाकिस्तान दोनों को साथ रहना है। मुझे उम्मीद है कि सीमा पर गोलीबारी थम जाएगी और संघर्ष विराम बहाल होगा।”

जम्मू शहर के केंद्र में स्थित कड़े पहरे वाले नागरिक सचिवालय भवन परिसर में महबूबा ने एक गारद का निरीक्षण भी किया।

दरबार का स्थानान्तरण साल में दो बार होता है जिसमें शीत काल (नवम्बर से अप्रैल तक) में सचिवालय शीतकालीन राजधानी जम्मू में रहता है। ग्रीष्म काल (मई से अक्टूबर तक) में कश्मीर घाटी लौट जाता है। यह प्रथा राज्य में डोगरा शासक महाराजा रणबीर सिंह काल से चली आ रही है, जिन्होंने साल 1872 में यह प्रथा शुरू की थी।

गत 27 अक्टूबर को ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में कार्यालय बंद हो गए थे।

घाटी में अशांति के कारण श्रीनगर में सरकार के कामकाज बाधित हुए थे।

LIVE TV