इन प्रयासों से शनि पीड़ा से मिलती है मुक्ति
एजेन्सी/शनिदेव न्याय के देवता माने गए हैं। ज्योतिष शास्त्र में भी शनि ग्रह का अलग महत्व है। शनि ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति को कष्ट भी हो सकते हैं और व्यक्ति प्रभावशील भी हो सकता है। शनि की साढ़े साती और ढैया का विशेष प्रभाव होता है। दरअसल इसके अंतर्गत शनि देव ढाई वर्ष तक किसी राशि में रहते हैं। ऐसे में जातक को कई कष्ट हो सकते हैं, नौकरी में परेशानी हो सकती है, परिश्रम करने पर भी फल नहीं मिल सकता है, यही नहीं अच्छाई करने पर भी लोग उसके महत्व को नहीं समझ सकते हैं, ऐसे जातक को शनि देव को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय बेहतर होते हैं। दरअसल शनि देव का वाहन श्वान अर्थात् कुत्ता माना जाता है, यह भैरव बाबा का वाहन भी होता है, इस कुत्ते को शनिवार के दिन तेल चुपड़ी हुई रोटी खिलाऐं, इससे आपका भाग्योदय हो सकता है, यही नहीं पीपल के वृक्ष का पूजन कर इसकी सात परिक्रमा लगाने और पीपल के वृक्ष को शनिवार के दिन जल देने से भी कष्टों का निवारण होता है, दरअसल पीपल के वृक्ष में सभी देवताओं का निवास माना जाता है ऐसे में माना जाता है कि शनि देव और सभी देव प्रसन्न होते हैं। यही नहीं पीपल के वृक्ष का पूजन बेहद अच्छा और शुभफलदायक माना जाता है, यही नहीं भारतीय धर्म में श्रीफल को बहुत ही अच्छा व शुभ माना जाता है। शनिवार के दिन किसी बहते पानी या नदी में नारियल बहाने से अच्छा फल मिलता है, सात शनिवार तक नदी में नारियल बहाने से कष्टों का निवारण होता है, इसके लिए शनि देव का मनन करना भी उत्तम है, यही नहीं एक अन्य उपाय के तहत गरीबों को काले तिल, काली उड़द, काले तत्व का दान करना बेहद उत्तम होता है, इससे शनि कष्टों का निवारण होता है। – See more at: https://www.newstracklive.com/news/shani-dev-worship-1044626-1.html#sthash.Xkt5DPoa.dpuf