आतंकी समूह हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज नायकू को सेना ने मार गिराया, 8 साल से था मोस्ट वॉन्टेड
लगातार हो रहे आतंकी हमले से भारत के जवान हिम्मत और बल के साथ लड़ रहे हैं. अबतक भारत अपने जवानों को खो देने की बुरी खबर सुन रहा था लेकिन अब एक अच्छी खबर भी आ रही है. आतंकी चाहे जितना छिप लें लेकिन भारतीय सेना उन्हें खदेड़कर अपने जवानों की शहादत का बदला लेकर रहती है. बुधवार को सेना ने 4 आतंकियों को मार गिराया. इनमें से एक आतंकी 12 लाख का इनामी था.
अधिकारियों के मुताबिक प्रतिबंधित आतंकी समूह हिज्बुल मुजाहिदीन को ऑपरेशनल कमांडर रियाज नायकू को पुलवामा के बेगपुरा गांव में घेर लिया गया था. सेना ने मुठभेड़ में इस आतंकी को मार गिराया. इस पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रतिक्रिया दी है. उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्वीट में कहा कि ”जब रियाज नायकू ने हिंसा का रास्ता चुनते हुए बंदूक उठाई थी. तभी उसका भविष्य तय हो गया था. उसकी मौत का इस्तेमाल कुछ लोगों द्वारा घाटी में जनता को भड़काने या प्रदर्शन के लिए इस्तेमाल नहीं होना चाहिए.”
#RiyazNaikoo’s destiny was decided the moment he picked up the gun & adopted the path of violence & terror. His death must not be used as an excuse by some to put more people in harms way by provoking violence & protests.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) May 6, 2020
अधिकारियों ने बताया कि नायकू पर 12 लाख रुपये का इनाम है. वे आठ वर्षों से इसकी तलाश कर रहे थे. जुलाई 2016 में घाटी में आतंकवाद का चेहरा रहे बुरहान वानी की मौत के बाद नायकू आतंकवादी समूह का प्रमुख बन गया था. नायकू दक्षिण कश्मीर के शोपियां में तीन बार पुलिस को चकमा देकर फरार हो चुका है.
बताया जा रहा है कि सुरक्षा बलों के द्वारा कश्मीर में हिज्बुल की पूरी लीडरशिप के सफाए के बाद कश्मीर में हिजबुल को दोबारा जिंदा करने की साजिश रची जा रही थी. ISI ने हिज़बुल के इकलौते ज़िंदा बचे कमांडर रियाज़ नायकू को आतंकवादी गतिविधियों के लिए आगे आने का निर्देश दिया था.