नई दिल्ली। आगामी आम बजट से अच्छे दिनों की उम्मीद लगाए बैठी जनता के लिए एक बुरी खबर है| वित्त मंत्री अरूण जेटली सरकारी राशन की दुकानों में बिकने वाली सस्ती चीनी पर दी जाने वाली सब्सिडी समाप्त करने की तैयारी में हैं| सरकार का मानना है कि इससे 4,500 करोड़ रुपये का राजस्व बचाया जा सकेगा|
अरुण जेटली ने बनाया प्लान
केंद्र सरकार अब तक 18.50 रपये प्रतिकिलो की सब्सिडी देती आई है| अरुण जेटली आम बजट एक फरवरी 2017 को पेश करेंगे| सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत हर साल 27 लाख टन चीनी की जरूरत होती है|
सूत्रों के अनुसार नये खाद्य सुरक्षा कानून में गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के लिये किसी तरह की कोई सीमा नहीं तय की गई है| ऐसे में केंद्र सरकार को आशंका है कि राज्य सरकारें सस्ती चीनी को कहीं और भी उपयोग कर सकती हैं|
राज्य सरकारें खुले बाजार से थोक भाव पर चीनी खरीदतीं हैं और फिर इसे 13.50 रपये किलो के सस्ते भाव पर बेचतीं हैं| जबकि केंद्र सरकार 18.50 रपये प्रति किलो के भाव पर सब्सिडी देती है|
इस बाबत खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने वित्त मंत्री को एक पत्र लिखकर सब्सिडी को समाप्त न करने की अपील की है| उन्होंने इसे अंत्योदय अन्न योजना का लाभ लेने वाले परिवारों के लिये जारी रखने का आग्रह किया है|
अगर ऐसा होता है तो केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच फिर एक बार जंग छिड़ सकती है| क्योंकि इसका सीधा असर राज्यों की योजनाओं पर पड़ेगा और राज्यों पर अपनी खाद्य योजनाओं को चलाने के पैसे का अतिरिक्त दबाव पड़ेगा|