बाँध की मरम्मत करते-करते इंजीनियर्स के दिमाग में आया बिजनेस प्लान, और फिर…
नई दिल्ली। कहते हैं कि कोई कितना अमीर हो या गरीब, अधिकारी हो या फिर चपरासी किसी को अपना काम रास नहीं आता। इसी का एक उदाहरण काबिनी बांध की मरम्मत में लगे अधिकारियों और इंजीनियरों के बीच देखने को मिला। यहां कुछ ऐसा हुआ कि अपना काम छोड़ ये अधिकारी मछुआरे बन गए ।
अधिकारी मछुआरे बन गए
दरअसल काबिनी बांध पर मरम्मत का काम चल रहा है। इस दौरान उसके कुछ हिस्से का पानी कम करके वहां कंस्ट्रक्शन कराया जाना था।
जैसे ही बांध के उस हिस्से का पानी कम हुआ वहां तलहटी में मछलियों का अंबार अधिकारियों को दिखाई दिया।
इस पर कंस्ट्रक्शन का काम छोड़कर अधिकारी मछली पकड़ने और उन्हें बेचकर बड़ी रकम जमा करने में जुट गए।
बता दें असिस्टेंट एग्जिक्यूटिव इंजिनियर कृष्णनेह और मत्स्य विभाग के अधिकारी महादेवु ने लेबर के जरिए उन मछलियों को पकड़कर फिश फेडरेशन को बेचना शुरू कर दिया। इस तरह वह मोटी कमाई कर रहे थे।
अधिकारियों का यह कारनामा देख पहले तो गांव वाले शांत रहे, लेकिन पानी सिर से ऊपर जाने पर उन्होंने इन अधिकारियों को उन्हीं की जुबान में देने का फैसला किया।
रिपेयरिंग का काम न शुरू होने पर सभी गांव वाले कई नेट और मछली पकड़ने के दूसरे संसाधनों के साथ वहां मछली पकड़ने पहुंच गए। गांववालों को नदी में उतरा देख दोनों अधिकारी सकते में आ गए।
खुद में खामी और अपने काम में लापरवाही दिखाने के कारण अधिकारी न तो गांव वालों को दूर रहने की हिदायत दे पाए और न ही काम में बाधा पैदा करने का आरोप लगा पाए।
ख़बरों के मुताबिक़ काबिनी बांध की मरम्मत के लिए 10 करोड़ का बजट दिया गया है।