
आज के समय अपराध की वारदात बढ़ते ही जा रहे हैं। वहीं देखा जाए तो सरकार प्रतिबंद नहीं लगा पा रही हैं। वहीं बैंक के अंदर भी ग्राहकों से भी कई बार लूटपाट या चोरी की घटनाएं होती हैं तो उसका जिम्मेदार प्रबंधन होगा।
खबरो की माने तो खाते में पैसा जमा करने से पहले या फिर निकालने के बाद भी ग्राहकों को बैंक की शाखा के अंदर भी चौकन्ना रहना पड़ता है। फिर भी लूट होने या चोरी होने पर कौन जिम्मेदार होगा? बैंक इसके लिए ग्राहक को ही जिम्मेदार बताते हुए अपनी जिम्मेदारी से पलड़ा झाड़ लते थे। लेकिन अब राष्ट्रीय उपभोक्ता अदालत के फैसले से इसकी जिम्मेदारी ग्राहक पर नहीं आएगी।
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राष्ट्रीय उपभोक्ता संरक्षण अदालत (एनसीडीआरसी) ने कहा है कि ग्राहक जिस वक्त बैंक के अंदर दाखिल होता, उस समय से लेकर के बैंक से बाहर जाने तक सुरक्षा का जिम्मा संबंधित बैंक प्रबंधन के पास रहेगा। इस दौरान अगर किसी ग्राहक से लूट-पाट, छीना झपटी या फिर डकैती की घटना होती है तो पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी बैंक की होगी। ।
एक ग्राहक का भारतीय स्टेट बैंक की दिल्ली स्थित चांदनी चौक शाखा में खाता है। वो 28 मार्च , 2016 को बैंक में 76 हजार रुपये जमा करने गया था। इसी दौरान लाइन में उसके पीछे खड़े शख्स ने पॉकेटमार ली और फरार हो गया। उस शख्स को इस बात की जानकारी तब हुई, जब उसका पैसा जमा करने का नंबर आया। खाताधारक के पास पुराने 1000 के 76 नोट थे, जो एक सफेद कपड़े में रखकर वो लाया था।
इस संबंध में एफआईआर एक महीने बाद 28 अप्रैल को आईपीसी की धारा 379/341 के तहत दर्ज हुई। ग्राहक ने पूरी घटना की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग को भी अपने पास पेन ड्राइव में सुरक्षित रख लिया। लेकिन तीन महीने तक कोई सुनवाई न होने के बाद उसने जिला उपभोक्ता अदालत में वाद दायर किया।
जिला और राज्य उपभोक्ता अदालत ने केस की सुनवाई करते हुए अपना फैसला बैंक के पक्ष में देते हुए केस को खारिज कर दिया। इन दोनों अदालतों ने कहा कि चूंकि यह एक आपराधिक मामला है, इसलिए उपभोक्ता अदालत इस पर पर कोई फैसला नहीं दे सकती हैं।
दरअसल राष्ट्रीय उपभोक्ता अदालत ने माना की ग्राहक के 76 हजार रुपये की लूट बैंक शाखा के अंदर हुई है, जो सीसीटीवी में भी साफ तौर पर दिख रहा है। इसलिए ग्राहक को बैंक की तरफ से हर हाल में छतिपूर्ति मिलनी चाहिए। एनसीडीआरसी ने बैंक को 50 हजार रुपये हर्जाना के तौर पर और 10 हजार रुपये इस केस पर खर्च राशि के तौर पर देने को कहा है।