विश्‍व की सबसे लम्बी रेल सुरंग का उद्घाटन, रोज गुजरेंगी 300 ट्रेनें

नई दिल्ली। विश्व की सबसे लंबी रेलवे सुरंग का आज उदघाटन हो गया है। गोदहार्ड टनल नाम की यह सुरंग 57.1 किलोमीटर लम्बी है। सुरंग में जर्मनी से इटली का शॉर्टकट बना है। इस पर करीब करीब 69 हजार करोड़ रुपए की लागत आई। इस सुरंग के जरिए ज्यूरिख से नॉर्थ इटली के मिलान के बीच अब दो घंटे 40 मिनट का समय लगेगा।

सबसे लम्बी रेलवे सुरंग

सुरंग की व्यावसायिक सेवा दिसंबर 2016 से शुरू होगी। 2017 में यह टनल पूरी तरह से काम करने लगेगा। साल 1996 में इस सुरंग का निर्माण शुरू हुआ था। गोटहार्ड प्रोजेक्ट से 2,500 लोग जुड़े रहे। इस सुरंग से हर रोज 300 ट्रेनेंं गुजरेंगी।

दुनिया की सबसे लंबी रेलवे सुरंग का खिताब अब तक जापान की सेइकन टनल के नाम था। इसके बाद इंग्लैण्ड की चैनल टनल, दक्षिण कोरिया की यूलयोन टनल और स्विट्जरलैंड की लॉट्सबर्ग बेस टनल का नाम आता है। वहीं, भारत की सबसे लंबी सुरंग मणिपुर में बन रही है। यह 39 किलोमीटर लम्बी होगी। इसी साल से इस सुरंग में भी ट्रेनें चलने लगेंगी। इससे पहले नॉदर्न रेलवे जोन में जम्मू-कश्मीर स्थित पीरपंजाल सुरंग सबसे बड़ी रेल सुरंग थी।

सबसे लंबी रेलवे सुरंग का खिताब

सेइकन टनल, जापान – सेइकन टनल 33.46 मील यानी 53.85 किलोमीटर लंबी है। इसका 23.3 किमी लंबा हिस्‍सा समुद्र के अंदर है। यह होनशु और होकाइदो द्वीपों को जोड़ती है। सेइकन दुनिया की सबसे गहरी ऑपरेशनल टनल भी है। वह समुद्र तल से 140 मीटर और समुद्री सतह से 240 मीटर की गहराई में स्थित है। इस टनल को 13 मार्च 1988 में खोल दिया गया। इस पर कुल 3.6 अरब डॉलर (24,120 करोड़ रुपए) की लागत आई है। यह डबल ट्रैक ट्रेन टनल हैं। इसमें ट्रेन की स्‍पीड 140 किमी प्रति घंटे हैं। इस टनल को बनाने का फैसला 1971 में किया गया था। इसका कंस्‍ट्रक्‍शन जनवरी 1983 में हुआ था। कंस्‍ट्रक्‍शन के दौरान एक्‍सीडेंट में 34 वर्कर्स की जान गई।

चैनल टनल, इंग्लैण्ड – चैनल टनल की लंबाई 50.5 किमी (31.4 मील) है। यह यूनाइटेड किंगडम को फ्रांस से जोड़ती है। इस प्रोजेक्‍ट पर 4.65 अरब पाउंड (करीब 46,500 करोड़ रुपए) की लागत आई, जो अनुमानित लागत से 80 फीसदी अधिक था। इस टनल का कंस्‍ट्रक्‍शन छह साल (1988-1994) में पूरा हुआ। यह दो सिंगल ट्रैक टनल है और इसमें ट्रेन की ऑपरेटिंग स्‍पीड 160 किमी प्रति घंटे हैं।

यूलयोन टनल, साउथ कोरिया- यूलयोन टनल की लंबाई 50.3 किमी है। इसका कंस्‍ट्रक्‍शन 2011 में शुरू हुआ था और जून 2015 में पूरा हो गया। यूलयोन टनल की लंबाई 50.3 किमी है। इसका कंस्‍ट्रक्‍शन 2011 में शुरू हुआ था और जून 2015 में पूरा हो गया। इस टनल में हाई स्‍पीड रेलवे सर्विस के लिए यह टनल पूरी तरह जुलाई 2017 से शुरू हो जाएगी। यह टनल सुसेओ हाईस्‍पीड रेलवे लाइन को सुसेओ स्‍टेशन, सिओल और पियांगटेक, जायेओनगी-डू प्रांत को जोड़ेगी। इस प्रोजेक्‍ट की कुल कंस्‍ट्रक्‍शन लागत करीब 3 अरब डॉलर (20 हजार करोड़ रुपए) है। इसका कंस्‍ट्रक्‍शन 12 हिस्‍सों में किया गया और साउथ कोरिया के 10 टनल कॉन्‍ट्रैक्‍टर्स इससे जुड़े। इस टनल में ट्रेन की स्‍पीड 240 किमी प्रति घंटा होगी।

लॉट्सबर्ग बेस टनल, स्विट्जरलैंड – लॉट्सबर्ग बेस टनल की कुल लंबाई 34.57 किमी है। यह टनल भी एल्‍प्‍स, स्विट्जरलैंड के पहाड़ों के भीतर है। इस टनल का कंस्‍ट्रक्‍शन अप्रैल 2004 में शुरू और जून 2007 में पूरा हुआ था। यह फ्रुटिजेन, बर्न और रारोन, वेलाइस को जोड़ती है। इससे बर्न और वेलाइस के बीच ट्रैवल टाइम 50 फीसदी कम हो गया है। इस प्रोजेक्‍ट की कुल लागत करीब 4.48 अरब डॉलर (करीब 30 हजार करोड़ रुपए) आई। इस प्रोजेक्‍ट की कुल लागत करीब 4.48 अरब डॉलर (करीब 30 हजार करोड़ रुपए) आई। इस रेल ट्रैक टनल का इस्‍तेमाल रोजाना करीब 110 ट्रेनें करती हैं। इस टनल में ट्रेन की अधिकतम स्‍पीड 250 किमी प्रति घंटा है।

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