शादी के लिए अब आधार कार्ड अनिवार्य

आधार कार्डअल्‍मोड़ा । अब मंदिर में भी आधार कार्ड चलेगा। यकीन न हो तो अल्मोड़ा के गोलू देवता मंदिर में आइए। यहां शादी के लिए आधार कार्ड दिखाना जरूरी है। मान्यता है कि गोल देवता का आशीर्वाद मिला तो जीवन सुखमय हो जाता है। गोलू देवता को यहां न्याय का देवता भी माना जाता है। लेकिन शादी के लिए आधार की अनिवार्यता का यह आदेश सुप्रीम कोर्ट पर भी भारी पड़ने लगा है।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने तमाम सरकारी दस्‍तावेजों मे आधार कार्ड को गैरजरूरी बताया है, लेकिन गोलू देवता मंदिर समिति की अपनी अलग दशा-दिशा है। मंदिर में शादी करनी है तो सुप्रीम कोर्ट नहीं यहां की समिति की बात माननी होगी।

गोलू देवता को कुमाऊं क्षेत्र में ‘न्याय के देवता’ के रूप में पूजा जाता है। बताया जाता है कि मंदिर के पुजारियों ने नाबालिग शादियों को रोकने के मकसद से आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है।

मंदिर प्रशासन के मुताबिक, अब मंदिर प्रशासन यहां होने वाली शादियों से पहले व्यक्ति की पहचान के लिए आधार कार्ड की मांग करेगा। आधार कार्ड के अलावा पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेजों को पर्याप्त नहीं माना जाएगा।

यहां हर वर्ष 400 जोड़े बंधते हैं बंधन में

इस मंदिर में प्रतिवर्ष 400 शादियां होती हैं, यानी शादियों के सीजन में रोजाना करीब 6 शादियां यहां होती हैं। मंदिर के पुजारी और कोषाध्यक्ष हरी विनोद पंत ने कहा, ‘हर साल यहां बड़ी संख्या में शादियां सम्पन्न कराते हैं, तो ऐसे में विवाहित जोड़े का नाम और पते को जांचना मुश्किल हो जाता है। कई प्रेमी जोड़े दूसरे राज्यों से भी यहां शादी के लिए आते हैं, इस स्थिति में यह मालूम करना कि प्रेमी जोड़ा शादी के लिए बालिग है या नहीं, मुश्किल है।’

स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर में शादी करने से विवाहित जोड़े पर गोलू देवता का आशीर्वाद रहता है।

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