वनों की सुरक्षा करने के दावे केवल कागजों में ही रह गए, लगातार हो रही है वनों की कटाई

रिपोर्ट-  विजय पचौरी जगदलपुर

छत्तीसगढ़। जगदलपुर वैसे वन मण्डल बस्तर  में अवैध कटाई कोई नई बात नहीं है लेकिन अब वनग्रामों में भी पेड़ों की कटाई हो रही है। वनों में सागौन प्रजाति के पेड़ तेजी से गायब हो रहे  है। वनों की सुरक्षा करने का दावा कर रहा वन विभाग दीगर कार्यों में व्यस्त है। वन कटाई को रोकने के लिए विभाग की और से कोई ठोस पहल नहीं की गई।इसलिए वनग्रामों के आस-पास वनों की अवैध कटाई हो रही है।

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इन गांवों में वन माफियाओं की नजर पड़ गई है। वन माफिया और वन विभाग के मिलीभगत से भारी मात्रा में कीमती सागौन के पेड़ों की कटाई करवाते हैं और फिर ट्रकों में लादकर अन्य प्रदेशों में सप्लाई किया जा रहा है। बताया जाता है कि रात में कटाई का खेल चलता है। आधुनिक औजारों से लैस वन माफिया रातो-रात कई सागौन के पेड़ काट देते है। कुछ दिनों पूर्व माचकोट – तिरिया में सागौन के पेड़ अच्छी संख्या में थे लेकिन धीरे-धीरे पेड़ों की संख्या कम हो रही है।

पिछले कुछ दिनों से माचकोट परिक्षेत्र अधिकारी अपनी मनमानी में उतार आये है  जब हमारे संवाददाता ने अवैध कटाई को लेकर बात की तो रेंजर साहब खिसिया गए और कहने लगे कि काट दिए तो काट दिए ओड़िसा बॉर्डर लगता है क्या कर सकते

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वही पूरे मामले को लेकर जब हमने वन मंत्री से बात की तो उनका कहना था कि ऐसा मामले की शिकायत अभी तक नही आई है अगर आएगी तो में शीकायत कर्ता की उपथिति में जांच करवा दूंगा पर मंत्री जो को ये नही मालूम कि शिकायत तो आम आदमी पार्टी के लोगो ने पहले ही कर दी है इसपर मंत्री जी का क्या रुख रहेगा वो देखने वाली होगी

 

 

 

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