अब तक मुंबई में हुई सबसे ज्यादा वोटिंग, क्या पड़ेगा इसका असर…

लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में 29 अप्रैल को मुंबई में भी मतदान हुए, जिसमें शहर के लोगों ने उम्मीद से कहीं ज्यादा बढ़-चढ़ कर वोट दिया। इस बार मुंबई में 55.11 प्रतिशत मतदान हुए, जो 1989 चुनावों के बाद सबसे ज्यादा है। मतदान के मामले में मुंबई के पिछड़े होने का पुराना रिकॉर्ड रहा है। साल 1991 में यहां 41.6 प्रतिशत मतदान हुए थे, 1998 के चुनाव में यह बढ़ कर 50 फीसदी तक पहुंचा, लेकिन 2009 में यह आंकड़ा फिर से 40 के आसपास ही सिमट गया था।
मुंबई में हुई सबसे ज्यादा वोटिंग

साल 2014 में मोदी लहर के दौरान इस आंकड़ों में बढ़ोत्तरी हुई और 51.6 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड दर्ज किया गया। इसके बाद 2019 लोकसभा चुनावों के आंकड़े चौंकाने वाले आए। 55.11 प्रतिशत मतदान के साथ मुंबई ने न केवल इस दशक में सबसे ज्यादा मतदान का रिकॉर्ड बनाया है, बल्कि पिछले चुनाव से 3.5 प्रतिशत बढ़ोत्तरी भी दर्ज की है।

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हालांकि शहर के मौसम और बढ़ती गर्मी को देख कर यही अंदाजा लगाया जा रहा था कि मतदान के दिन यहां की व्यस्त जनता घरों में आराम करेगी, लोकिन 2014 से अब तक मतदाता संख्या में 2.54 लाख की गिरावट के बावजूद इस बार वोट प्रतिशत में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है।

एनडीए और विपक्ष, दोनों के अपने-अपने दावे

मुंबई की सभी छह लोकसभा सीटों पर अभी एनडीए का कब्जा है। इस बार के चुनाव भी ध्रुवीकरण के साथ साथ धार्मिक और सामुदायिक मुद्दों पर आधारित रहे हैं। ऐसे में मतदान प्रतिशत में बढ़ोत्तरी को एनडीए अपने पक्ष में मान रही है। उनका कहना है कि इन आंकड़ों में बढ़त का मतलब साफ है कि एनडीए दोबारा सत्ता में लौट रही है।

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वहीं, विपक्ष इसे अलग तरह से देखता है। विपक्ष का कहना है कि इस बार भारी संख्या में दलित और अल्पसंख्यकों ने वोट किया है और उन्हीं के कारण मतदान प्रतिशत में बढ़ोत्तरी हुई है, और इसलिए भाजपा को हराने का रास्ता साफ हो चुका है।

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