पाकिस्तानी परिवार ने यूएई में भारतीयों को दिया क्षमादान

भारतीयों को क्षमादानअबु धाबी। पाकिस्तान में रहने वाले एक परिवार ने 2015 में अबु धाबी में अपने परिवार के एक सदस्य की कथित तौर पर हत्या करने वाले 10 भारतीयों को क्षमादान दे दिया है, जिन्हें मृत्युदंड की सजा मिली थी। भारतीय दूतावास के एक अधिकारी ने बताया कि मृतक के पिता मोहम्मद फरहान ने अल ऐन अपीली अदालत में पेश होकर भारतीयों को माफी देने का स्वीकृति पत्र सौंप दिया।

अबु धाबी में भारतीय दूतावास के एक अधिकारी दिनेश कुमार ने कहा कि आरोपियों की ओर से एक भारतीय धर्मार्थ संस्था ने अदालत में मुआवजे की राशि जमा कर दी, जिसके बाद अदालत की सुनवाई स्थगित कर दी गई। मामले की अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी।

उन्होंने कहा, “उम्मीद है कि अदालत सजा कम कर देगी।”

पंजाब के रहने वाले इन भारतीयों को 2015 में एक फसाद के दौरान फरहान की हत्या करने के आरोप में अक्टूबर 2016 में दोषी ठहराया गया था।

‘सरबत दा भला धर्मार्थ संस्थान’ के अध्यक्ष दुबई के रहने वाले एक भारतीय व्यवसायी एस.पी.एस. ओबेरॉय ने मृतक के परिवार को मुआवजा राशि के तौर पर दी जाने वाली रकम का इंतजाम किया था।

ओबेरॉय ने कहा कि उनके पाकिस्तानी प्रबंधक ने पेशावर जाकर मृतक के परिवार से बात की थी और दोषियों को क्षमादान देने का आग्रह किया था।

उन्होंने कहा कि मृतक के पिता ने कहा कि वह नहीं चाहते कि 10 और भारतीय परिवारों को उनके जैसी त्रासदी झेलनी पड़े।

रपट के अनुसार, सभी भारतीय युवक गरीब परिवारों से हैं और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अल ऐन शहर में प्लंबर, इलैक्ट्रिशियन, कार्पेटर और राजमिस्त्री के रूप में काम करते हैं।

इन सभी युवकों में से अधिकांश की उम्र 20 साल के आसपास है और उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात जाने के लिए वीजा जुटाने के लिए भारत में भर्ती एजेंटों को भारी रकम चुकाई थी।

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