बनारस के इस घर में लोग करते हैं मौत का इन्तजार, जानें क्या है पूरी कहानी…

बनारस या काशी में लोग सदियों से मोक्ष प्राप्ति के लिए जाते रहे हैं और यह सिलसिला आज भी बरकरार है। मोक्ष प्राप्ति के इस राह में चलने के लिए कई सालों से यहां का एक मकान लोगों की मदद कर रहा है।

वाराणसी के गोदौलिया में स्थित काशी लाभ मुक्ति भवन नामक धर्मशाला में मोक्ष प्राप्ति के लिए देश भर से लोग आते हैं। 60 साल के इस मोक्ष भवन में 12 कमरे हैं। इन्हीं कमरों में रहकर लोग अपनी मौत का इंतजार करते हैं।

घर में लोग करते हैं मौत का इन्तजार

1958 में डालमिया चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा निर्मित इस भवन में अब तक कई लोग सांसारिक जीवन से मुक्ति लाभ कर चुके हैं।शायद यह दुनिया का एकमात्र ऐसा होटल होगा जहां किसी के मरने से वहां की शान घटने के बजाय बढ़ जाती है।

इसके साथ ही मोक्ष भवन की एक और खासियत ये है कि यहां ठहरने वालों से पैसा नहीं लिया जाता है।48 साल से यहां के प्रबंधक रहे भैरवनाथ शुक्ला का कहना है कि, यहां प्रतिदिन किसी न किसी को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि यहां अब तक 15 हजार से भी ज्यादा लोग अपने प्राण त्याग दिए हैं। काशी में मोक्ष लाभ के लिए अपने परिजनों के साथ आए वृद्ध लोगों को इस मकान में कमरा दिया जाता है।

अगर किसी लड़की के हाथ में दिखे ये निशान, तो जल्द बुलाएँ पुलिस…

इसके साथ ही उन्हें 15 दिन की मोहलत दी जाती है।यदि दिए गए इस समय के अंदर उनकी मृत्यु नहीं हुई तो प्रबंधन उनसे कमरा खाली करने का अनुरोध करता है और वह वापस अपने परिजनों के साथ लौट जाता है।

काशी लाभ मुक्ति भवन में सुबह से लेकर शाम तक रामायण और गीता का पाठ चलता रहता है। शाम को सत्यनारायण भगवान की आरती होती है। इस दौरान बुजुर्गों को रोजाना गंगाजल और तुलसी का सेवन कराया जाता है, ताकि अंतिम सांस निकलने में कोई कठिनाई न हो।

वाकई में बनारस का यह मुक्ति भवन अपने आप ही में बेहद अनूठा है जिसके बारे में आज भी शायद बहुत कम लोगों को पता है।

LIVE TV