‘पाकिस्तान की हार के बदले का सपना न देखें आमिर’

नई दिल्ली। नीरज गोयत 12 वर्ष के थे और यह सोच रहे थे कि क्या मुक्केबाजी में अपना करियन बनाना चाहिए। इसी समय पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश मुक्केबाज आमिर खान ने 2004 एथेंस ओलम्पिक में लाइटवेट वर्ग में रजत पदक जीता था। 15 साल बाल यह दोनों मुक्केबाज सऊदी अरब के जेद्दा में स्थित किंग अब्दुल्ला स्पोर्ट्स सिटी में एक-दूसरे का मुकाबला करेंगे।

दोनों खिलाड़ियों के बीच शब्दों की लड़ाई हालांकि शुरू हो चुकी है। आईसीसी विश्व कप में भारत के हाथों पाकिस्तान के बुरी तरह हारने के बाद खान ने ट्वीट किया था, “पाकिस्तान, भारत से विश्व कप में मैच हारा और आने वाले 12 जुलाई को मैं नीरज गोयत को नॉकआउट करके उसका बदला लूंगा।”

गोयत ने आईएएनएस से कहा, “सपने देखते रहो, तुम वहां खड़े होकर मेरी जीत देखोगे।”

आमिर इस जीत के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। 33 वर्षीय मुक्केबाज ने 2009 से 2012 के बीच लाइट-वेल्टरवेट डब्ल्यूबीए खिताब अपने पास रखा और 2011 में आईबीएफ खिताब जीता। वह सबसे युवा ब्रिटिश प्रोफेशनल बॉक्सिंग चैम्पियन भी बने।

हाल के समय में वेल्टरवेटर टाइटल जीतने के आमिर के प्रयास नाकाम रहे। उन्हें अमेरिका के टैरेंस क्रॉफर्ड ने एक मुकाबले के छठे राउंड में ही मात दे दी थी।

दूसरी ओर, गोयत शानदार फॉर्म में चल रहे हैं। उन्होंने हाल में मेक्सिको के कार्लोस लोपेज मार्मोलेजो को मात दी। प्रो-सर्किट में उन्होंने 16 मुकाबले खेले हैं जिसमें 11 जीत, दो ड्रॉ और तीन में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है।

उन्होंने कहा कि आमिर का सामना करने से पहले तैयारी के रूप में वह ऐसे मुक्केबाज को ढूंढ़ रहे हैं जिसका स्टाइल आमिर से मिलता हो।

गोयत ने कहा, “मैं किसी ऐसे मुक्केबाज को ढूंढ़ रहा हूं जो आमिर की तरह लड़ता हो, लेकिन इसके अलावा कोई और अंतर नहीं है। मैं उसी तरह के रूटीन का ही पालन कर रहा हूं जो मैं किसी अन्य मुक्केबाज के खिलाफ 12 राउंड के मुकाबले से पहले करता।”

गोयत ने कहा, “यह जरूरी नहीं है कि वह उसी स्तर पर प्रदर्शन करेंगे जैसे वो एक युवा मुक्केबाज के रूप में करते थे। उन्होंने अपने करियर में बहुत कुछ हासिल किया है लेकिन उनकी उम्र भी हो रही है। मैं ओलम्पियन और विश्व चैम्पियन के साथ पहले भी लड़ चुका हूं। इसलिए यह मेरे लिए बिल्कुल नया नहीं है। हां, मैं एक बड़े नाम से लड़ रहा हूं, लेकिन मैं इसके बारे में ज्यादा नहीं सोच रहा।”

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उन्होंने यह भी माना कि इस मुकाबले के कारण लोगों की नजरें मुक्केबाजी की ओर आकर्षित होंगी। गोयत ने कहा, “इस तरह की बाउट होना देश में प्रोफेशनल और एमेच्योर मुक्केबाजी के लिए अच्छा है। यह भारतीय मुक्केबाजी, खासकर प्रो-बॉक्सिंग को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएगा। एमेच्योर सर्किट में शानदार प्रदर्शन करके मैरी कोम जैसे मुक्केबाजों ने भारत को विश्व स्तर पर आगे बढ़ाया है, लेकिन भरत को प्रो-सर्किट में उस तरह की सफलता नहीं मिली है। भारत को एमेच्योर मुक्केबाजों के लिए जाना जाता है न कि प्रो मुक्केबाजों के लिए।”

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