नमाज अदा कर रहे अफगान सैन्‍य शिविर पर तालिबान का हमला, 135 जवानों की मौत

अफगान सैन्या शिविर पकाबुल। अफगानिस्तान के बाख प्रांत में एक सैन्य शिविर पर शुक्रवार को किए गए तालिबान आतंकवादियों के हमले में 135 अफगान सैन्यकर्मियों की मौत हो गई है और 60 अन्य घायल हो गए हैं। इसमें कई घायलों की हालत नाजुक है, जिससे मरने वालों की संख्‍या में इजाफा हो सकता है। आर्मी की ड्रेस पहने आतंकियों ने ये शर्मनाम हरकत उस समय की जब सैन्‍य शिविर में जवान जुमे की नमाज अदा कर रहे थे।

टोलो न्यूज की शनिवार की रिपोर्ट के मुताबिक, एक सैन्य अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि उत्तरी शहर मजार-ए-शारीफ के सबसे बड़े सैन्य शिविरों में से एक 209 शाहीन कॉर्प्स हेडक्वाटर्स पर हुए हमले के बाद सुरक्षा बलों की ओर से की गई कार्रवाई में 10 तालिबान आतंकवादी भी मारे गए।

आतंकवादी संगठन तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी ली है। अधिकारी ने बताया कि घायलों की नाजुक स्थिति देखते हुए मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता दावलात वजीरी ने कहा कि आतंकवादी सेना की वर्दी में एक सैन्य वाहन में सवार होकर परिसर में घुसे और सैन्यकर्मियों पर उस समय हमला कर दिया, जब वे जुमे की नमाज अदा कर रहे थे।

अफगानिस्तान के सीईओ अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने हमले की निंदा करते हुए इसे ‘कायराना’ करार दिया है। उन्होंने कहा, “तालिबान ने (शुक्रवार को) मजार में जो कुछ भी किया, वह सभी मूल्यों के खिलाफ है।”

पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने भी हमले की निंदा करते हुए ट्वीट किया, “मैं मजार-ए-शरीफ में हमारे सैन्य शिविर पर हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं, जिसमें हमारे कई वीर सैनिकों की जान गई और कई अन्य घायल हुए।”

नाटो रिजोल्यूट सपोर्ट मिशन ने भी हमले की निंदा करते हुए अफगान बलों के प्रति समर्थन जताया है। अफगानिस्तान में नाटो रेजोल्यूट सपोर्ट मिशन के कमांडर जॉन निकसलन ने एक बयान में कहा, “यह हमला तालिबान की बर्बरता दर्शाता है। हम सभी ऐसे जघन्य और निंदनीय कृत्य की निंदा करते हैं।”

बयान के मुताबिक, “हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अफगानिस्तान के साथ हैं।” यह हमला रक्षा मंत्री अब्दुल्ला हबीबी के बाख यात्रा के दौरान इस सैन्य शिविर का दौरा किए जाने के दो दिन बाद हुआ।

यह साल 2017 में अफगानिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर किया गया दूसरा सबसे बड़ा हमला है। इससे पहले तालिबान ने मार्च में सरदार मोहम्मद दाऊद सैन्य अस्पताल पर हमला कर दिया था, जिसमें 50 लोगों की मौत हो गई थी।

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