खतरे में अमेरिका! ट्रम्प को नहीं है ‘संविधान’ पर भरोसा, बनाया अपना कानून

वाशिंगटन। सात मुस्लिम देशों के वीजा प्रतिब्ध पर रोक के अमेरिकी अदालतो के फैसले पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी नाराजगी जाहिर की। ट्रंप ने चेतावनी दी कि न्यायपालिका अमेरिकियों को ‘खतरे’ में डाल रही है।ट्रम्प

ट्रम्प ने अपनी नाराजगी ट्विटर के जरिए जाहिर की। ट्रम्प ने अमेरिकी अदालतो पर बरसते हुए अपने ट्वीट में कहा, ‘‘यकीन नहीं आता कि कोई जज हमारे देश को ऐसे खतरे में डाल देगा। यदि कुछ होता है तो उसका दोष उस पर और न्याय व्यवस्था पर डाला जाए। लोग भीतर आते जा रहे हैं। यह बेहद बुरा है।’’

ट्रंप ने लिखा, ‘‘मैंने गृह सुरक्षा को निर्देश दिया था कि वह हमारे देश में आने वाले लोगों की जांच बेहद सावधानी के साथ करे। अदालतें इस काम को बहुत मुश्किल पैदा कर रही हैं।’’

ट्रंप ने गुस्से में इस मुद्दे पर कई ट्वीट किए और कहा कि ‘‘तथाकथित जज’’ बेहद ‘‘बचकाना’’ है। ट्रंप के इन ट्वीटों की डेमोक्रेट सदस्यों और अन्य लोगों ने कड़ी आलोचना की हैं। उनका कहना था कि राष्ट्रपति सरकार की न्यायिक शाखा में खतरनाक तरीके से दखलंदाजी कर रहे हैं। अमेरिकी अपीली अदालत ने कल सरकार के उस आपात अनुरोध को खारिज कर दिया, जिसमें ट्रंप के विवादित प्रतिबंध को बहाल करने के लिए कहा गया था।

बता दें कि ट्रंप ने 27 जनवरी को अपने एक फैसले में सात मुस्लिम देशों ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन से आने वाले यात्रियों पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिए थे। ट्रम्प के इस फैसले से अमेरिकी लोगो में रोष पैदा हो गया था जिस कारण अमेरिका के विभिन्न शहरों एवं हवाईअड्डों पर इस फैसले के विरोध में प्रदर्शन किए गए।

इस प्रतिब्ध के कारण इन देंशो से अमेरिका आए कई यात्री अमेरिकी एयरपोर्ट पें फंस गए थे, इन यात्रियो को अमेरिकी सरकार वापस उनके देश भेंजने वाली थी। पर अमेरिकी अदालत के प्रतिबंध पर रोक के इस फैसले से, इन यात्रियो को बहुत बड़ी राहत मिली हैं।

ट्रंप ने इससे पहले प्रवासियों पर बैन के अपने आदेश का विरोध करने के लिए कार्यकारी अटॉर्नी जनरल को भी उनके पद से बर्खास्त कर दिया था।

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