जानें भाजपा को क्यों हैं किसानों की कर्जमाफी से दिक्कत

नई दिल्ली| कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को किसानों का ऋण माफ करने में दिक्कत है लेकिन तीन हजार करोड़ के ‘धन पशुओं’ के ऋण माफ करने से उसे कोई दिक्कत नहीं होती। कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री से सवाल करते हुए कहा कि क्यों उन्होंने बीते 53 महीनों में एक भी प्रेस कांफ्रेंस नहीं की, उन्हें किस बात का डर है? उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी ‘विक्टिमहुड’ की राजनीति करते हैं।

उत्तर प्रदेश-बिहार को लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयान पर तिवारी ने कहा कि उन्हें गलत तरीके से समझा गया, उन्होंने सिर्फ इतना कहा था कि जो मध्यप्रदेश के लोगों को नौकरी में प्राथमिकता देगा उसे सरकार इंसेंटिव देगी, किसी को नौकरी के अवसर से वंचित नहीं किया जा सकता।

मनीष ने कहा कि भारत में प्रेसिडेंशियल डेमोक्रेसी नहीं है, लोकसभा चुनाव 543 सीटों पर होता है और फिर सांसद अपना नेता चुनते हैं। 2004 के चुनावों को याद रखना जरूरी है, तब अटल बिहारी वाजपेयी से बड़ा नेता दूसरा नहीं था लेकिन वह भी चुनाव हार गए। देश में दो तरह की बातें हैं, एक जमीन का सच है और एक जो टीवी चैनलों पर चलता है। मोदी बनाम राहुल की लड़ाई सिर्फ टीवी चैनलों की है जमीन पर जनता के मुद्दे प्रभावित करते हैं।

गांधी परिवार के परिवारवाद के सवाल पर मनीष ने कहा कि सत्ता में जो भी आए हैं वो देश में जनमत प्राप्त करके आए हैं। पहली बार 2014 में चुनाव ही नहीं हुए थे। अगर मोदी सरकार ने ठोस काम किया होता तो विधानसभा चुनाव में प्रचार विकास कार्यो को केंद्र में रखकर होता लेकिन चुनाव अली बनाम बजरंग बली के नाम पर ही लड़े गए।

मनीष ने कहा, “मोदी सरकार वादे पूरे नहीं कर पाई इसलिए जनता को बांटने की राजनीति कर रही है। ”

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पेट्रोल के सवाल पर मनीष ने कहा कि जब कच्चे तेल के दाम आसमान छू रहे थे तब भी हम 35 रुपये में पेट्रोल बेच रहे थे और यह लोग उसे आधी कीमत होते हुए भी 80 रुपये में पेट्रोल बेच रहे हैं। हमने मंदी के बावजूद सात प्रतिशत की दर से विकास किया और 19 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाया।

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