नई दिल्ली : पश्चिमी सिक्किम भारत की प्राकृतिक खूबसूरती को समेटे हुए है। पश्चिमी सिक्किम भारत देश का वो हिस्सा है जो पर्यटकों की पहली पसंद तो नहीं है पर जो एक बार यहां पहुंच जाता है वो अक्सर लौट कर आता है।
पश्चिमी सिक्किम का ये छोटा सा गांव युकसोम सस्टेनेबल टूरिज्म के लिए जाना जाता है। आप आज भी इस छोटे से गांव में घूमने के दौरान आप वो सभी जगह देख सकते हैं जो सिक्किम में बौद्ध संस्कृति की स्थापना के प्रमाण हैं।
वहीं युकसोम आज भी सिक्किम की पहली राजधानी के नाम से जाना जाता है। अगर आपको सिक्किम के इतिहास का अनुभव करना है तो आपको यहां जरुर आना चाहिए। आइए जानते हैं आप यहां पर कौन-कौन सी जगह घूम सकते हैं।
कारटॉक झील –
ऐसा माना जाता है कि सिक्किम के पहले राजा का राज्याभिषेक इसी झील का पानी से हुआ था। यहां के स्थानीय लोग आज भी इस झील को पवित्र मानते हैं। कारटॉक झील कोरोनेशन थ्रोन से थोड़ी ही दूरी पर है। आप यहां भर शान्ति व सुकून के पल बिता सकते हैं।
दुबड़ी मोनेस्ट्री –
1701 में फुंसक नामग्याल ने पहली बार सिक्किम में एक मोनेस्ट्री का निर्माण किया। आज भी कई बौद्ध भिक्षु यहां ध्यान करने आते हैं। युकसोम के प्राइमरी अस्पताल से एक छोटी सी पगडण्डी में दो से तीन किलोमीटर की दूरी पर एक पहाड़ की चोटी में ये अद्भूत मोनेस्ट्री है।
खेचेओपेरी झील –
दरअसल युकसोम से दो घंटे की दूरी पर खेचेओपेरी झील मौजूद है। इस छोटी सी झील का आकार एक पदचिन्ह सा है। हिंदू और बौद्ध धर्म में इस झील की मान्यता अलग-अलग है। आस-पास रहने जाते बौद्ध मानते हैं कि ये झील देवी तारा जेत्सुन डोमा का पदचिन्ह है। इस झील को लेकर कहानियां और भी हैं।