जानिए आंखों के फड़कने के पीछे का असली कारण

आंखों के फड़कने को हमेशा शुभ-अशुभ के संकेत से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन क्या आपको जानकरी है कि असल में ये आपकी सेहत से जुड़ा होता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आमतौर पर आंखों का फड़कना नॉर्मल होता है और ये अपने आप ही कुछ सेकंड या मिनट के बाद चला जाता है, लेकिन अगर ये समस्या आपको बार-बार परेशान कर रही है तो ये आंखों से जुड़ी किसी बीमारी का संकेत हो सकता है।

आंखों के खुलने और बंद होने के लिए रिस्पॉन्सिबल एक मसल Orbicularis Oculi जब किसी कारण से अपने रूटीन से अलग व्यवहार करने लगती है, तो इसकी वजह से आंख फड़कने की समस्या हो सकती है। कई बार ये मूवमेंट्स कंट्रोल नहीं किए जा सकते और ये ऊपरी-निचली आईलिड दोनों पर असर डालते हैं। आंखों के फड़कने के पीछे कई कारण हो सकते हैं।

यदि आपको आंखों के फड़कने की समस्या है तो उसका एक कारण स्ट्रेस हो सकता है। अगर आप स्ट्रेस को कंट्रोल करें तो आंखों का फड़कना बंद हो जाएगा। आंखों के फड़कने की समस्या अगर आम कारणों से है तो इसे रोकने के लिए कुछ घरेलू उपाय भी आजमाएं जा सकते हैं। आंखों पर गर्म कपड़े से सिकाई करने से आपको इससे फायदा मिलेगा।

कैफीन का अत्यधिक सेवन भी आंखों के फड़कने की एक वजह हो सकता है। चाय, कॉफी, सोडा, चॉकलेट, सभी में कैफीन होता है और ये आंखों का फड़कना बढ़ा सकता है। कैफीन को धीरे-धीरे कम करें या पूरी तरह से इसे लेना बंद कर दें। इससे आंखों के फड़कने की समस्या कम होगी। नींद न आना और थकान की वजह से भी आंखों को ये प्रॉब्लम हो सकती है। नींद पूरी न होने से आंखों की मसल्स को आराम नहीं मिलता है। अगर आंखों की मसल्स रिलैक्स नहीं होंगी तो आंखों का फड़कना लगातार जारी रहेगा। ये आपकी आंखों के स्ट्रेस को बढ़ा सकता है।

आंखों में किसी तरह के इंफेक्शन की वजह से भी आंख फड़कने की समस्या हो सकती है। अगर आंखें बहुत ड्राई हैं, इरिटेटेड हैं या आंखों से पानी आ रहा है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। इसके अलावा न्यूरोलॉजी से जुड़ी समस्या की वजह से भी आंखों के फड़कने की प्रॉब्लम हो सकती है।

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