… तो इस वजह से चाय पार्टी में अचानक भड़क गईं अनुप्रिया पटेल

मोदी सरकार में मंत्री नहीं बनाए जाने और शपथ ग्रहण केबाद चुप्पी साधने वाली अपनादल की नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल इस समय काफी चर्चा में हैं। बताया जा रहा है कि अनुप्रिया को कैबिनेट मंत्री नहीं बनाए जाने की कहानी पीएम मोदी की चाय पार्टी में लिखी गई। अनुप्रिया के समर्थक और उनके पार्टी के कार्यकर्ता भौचक हैं कि आखिर माजरा क्या है।

अनुप्रिया पटेल

कहा जा रहा है कि अनुप्रिया और उनकी पार्टी केराष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल ने सख्त निर्देश दिया है कि पार्टी का कोई भी नेता इस संबंध में कुछ भी नहीं बोलेगा। स्थिति यह है कि  पार्टी के ज्यादातर नेताओं ने अपने फोन स्विच ऑफ कर लिए हैं। पता चला है कि मोदी सरकार जिस दिन शपथ लेने वाली थी, उसी दिन सुबह सबसे पहले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की तरफ से उन लोगों को मुलाकात के लिए बुलाया गया, जिन्हें सरकार में जिम्मेदारी दी जानी थी।

अनुप्रिया भी अमित शाह के बुलावे पर गईं थीं। इसके बाद जब सभी संभावित मंत्रियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चाय पार्टी के लिए बुलावा आया तब अनुप्रिया पटेल भी वहां पहुंची। अपना दल के विधायक, कार्यकर्ता, प्रदेश सरकार में मंत्री सभी एक होटल में इकट्ठा होकर इस बात की खुशी मनाने की तैयारी कर रहे थे कि उनकी नेता इस बार केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बनेगी। अचानक से सूचना आई कि अनुप्रिया समेत पार्टी का कोई भी नेता शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होगा।

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पार्टी के इस फैसले से दिल्ली में मौजूद सभी समर्थक अवाक रह गए। अपनादल के इस फैसले से भाजपा में भी असमंजस की स्थिति पैदा हो गई। अपनादल ने ऐसा फैसला क्यों लिया, इसके पीछे अनुप्रिया को पूर्व निर्धारित पद नहीं दिया जाना बताया जा रहा है। पता चला है कि पीएम की चाय पार्टी में जब अनुप्रिया पहुंची तो उनसे कहा गया कि अभी वे राज्यमंत्री का पद ले लें, बाद में कैबिनेट स्तर की व्यवस्था पर विचार होगा।

इस पर अनुप्रिया भड़क गईं। बताया जा रहा है कि अनुप्रिया ने यह भी कहा कि उन्हें राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बना दिया जाए, लेकिन उनकी यह मांग भी अनसुनी हो गई। यहीं पर बात बिगड़ गई और उन्होंने अपनी पूरी टीम केसाथ शपथ ग्रहण समारोह में बाहर रहने का फैसला लिया। शपथ ग्रहण केकुछ समय पहले भाजपा केप्रदेश अध्यक्ष महेेंद्र नाथ पांडेय ने अनुप्रिया पटेल को फोन करके कहा कि उनका शपथ ग्रहण में शामिल नहीं होना, गठबंधन के लिए ठीक नहीं होगा।

मीडिया में बेवजह उछलेगा, जिसका गलत संदेश जाएगा। आखिरी समय में अनुप्रिया ने अकेले ही शपथ ग्रहण समारोह में जाने का फैसला लिया। तब से लेकर अभी तक वह और उनकी पार्टी इस संबंध में कुछ भी कहने से बच रही है। सूत्रों के अनुसार अनुप्रिया को कैबिनेट मंत्री बनाने का वादा भाजपा ने लोकसभा चुनाव केदौरान ही किया था। अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल को पिछली मोदी सरकार में करीब दो वर्ष बाद राज्यमंत्री के रूप में जगह दी गई थी।

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