बेहद खराब होती जा रही हैं दिल्ली की हालत, तेज हो रहा हैं जहरीली हवाओं का रूख

यूपी, पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड में पराली जलाने के चलते दिल्ली-एनसीआर की हवा और जहरीली हो गई है। पराली के धुएं के चलते हवा के प्रवाह में भी बाधा आ रही है। रविवार को दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी 40 फीसदी रही। गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद और दिल्ली में हवा का स्तर बेहद खराब रहा। 

दिल्ली में में रविवार को सीजन की सबसे अधिक पराली जलाने से उत्पन्न होने वाले धुंए की प्रदूषण में 40 फ़ीसदी हिस्सेदारी रही। इससे पहले सीजन का सबसे अधिक रिकॉर्ड 36 फ़ीसदी बृहस्पतिवार को रहा था जबकि शनिवार को यह 32 फ़ीसदी दर्ज किया गया था। वहीं, राजधानी का औसतन वायु गुणवता सूचकांक 364 दर्ज किया गया। हालांकि, सोमवार से हवा की गति में सुधार होने के साथ वायु गुणवता में सुधार होने की संभावना बनी हुई है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु मानक संस्था सफर के अनुसार, रविवार को राजधानी के पड़ोसी राज्यों में  3,216 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई। नासा सेटेलाइट से प्राप्त चित्रों के अनुसार, पंजाब, हरियाणा और उतर प्रदेश के इलाकों में पराली जलाने की सबसे अधिक तस्वीरें पाए जा रही हैं। वहीं, सफर के अनुसार उतर- पश्चिम की ओर चलने वाली हवाएं और वेंटिलेशन इंटेक्स के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है। 
हालांकि, आगामी दो दिन के भीतर हवा में सुधार होने की संभावना है, लेकिन इसके बाद फिर से एक बार हवा का स्तर खराब श्रेणी में जा सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, रविवार को हवा की अधिकतम गति 15 किलोमीटर प्रति घंटा और वेंटिलेशन इंडेक्स 8500 घन मीटर प्रति सेकंड रहा। इसके अलावा पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 का स्तर 225 और पार्टिकुलेट मैटर(पीएम) 10 का स्तर 366 दर्ज किया गया। जबकि पीएम 2.5 का स्तर 60 ग्राम घन मीटर से कम होने पर सुरक्षित माना जाता है वहीं, पीएम10 का स्तर 100 ग्राम घन मीटर से कम  होने पर सुरक्षित माना जाता है। 

पीएम 10 का व्यास 10 माइक्रोमीटर से भी कम होता है। इस वजह से यह मनुष्य के फेफड़ों में आसानी से प्रवेश कर विभिन्न प्रकार की बीमारियों को जन्म देता है।इससे एक दिन पहले पीएम 2.5 का स्तर 229 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 10 का स्तर 370 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया था।  बता दें कि शनिवार को वायु गुणवता सूचकांक 367, शुक्रवार को 374, बृहस्पतिवार को 395, बुधवार को 297, मंगलवार को 312 और सोमवार को 353 रहा था। 

वहीं, पराली जलने से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण के हिस्सेदारी शनिवार को 32 फ़ीसदी, शुक्रवार को 19 फ़ीसदी और बृहस्पतिवार को 36 फ़ीसदी रही थी। गौरतलब है कि राजधानी में प्रदूषण की स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली सरकार द्वारा एक युद्ध प्रदूषण के विरुद्ध के अलावा ग्रीन दिल्ली एप भी लॉन्च किया गया है। इसके तहत लोगों से प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ शिकायत करने की अपील की गई है।

जहांगीरपुरी में सबसे खराब हवा में लोगों ने ली सांस
दिल्ली के पड़ोसी राज्य में पराली जलने के अधिक घटनाओं और औद्योगिक प्रदूषण के कारण जहांगीरपुरी में रविवार को सबसे खराब हवा में लोगों ने सांस लिया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, यहां का औसतन वायु गुणवता सूचकांक 427 दर्ज किया गया जबकि एक दिन पहले यह 419 दर्ज किया गया था। इस वजह से स्थानीय लोगों को सांस लेने के साथ-साथ आंखों में जलन की शिकायत भी  रही।

रविवार सीजन की सबसे सर्द सुबह, सामान्य से 5 डिग्री कम
दिल्ली में रविवार की सुबह इस सीजन की सबसे ठंडी सुबह रही। रविवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री कम 11.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया, जो कि अब तक का सबसे कम न्यूनतम तापमान है। इससे पहले बीते बृहस्पतिवार को न्यूनतम तापमान 12.5 डिग्री सेल्सियस रहा था, जो कि बीते 26 सालों में सबसे कम था। आगामी दिनों में न्यूनतम तापमान के 10 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है।

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