नोटबंदी की वजह से गई 35 फीसदी नौकरियां, चौपट हुआ कारोबार, मार्च होगा और भी बुरा
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले पर लोगों की राय बंटी हुई नजर आई। कुछ लोगों ने इस फैसले को सही करार दिया तो कुछ ने इसका विरोध किया। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने भी इस फैसले के खिलाफ बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि नोटंबदी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। अब सिंह की बात सच होती नजर आ रही है।
नोटबंदी का फैसला लागू होने के 34 दिन के भीतर ही सूक्ष्म-लघु स्तर के उद्योगों में 35 फीसदी नौकरियां चली गईं वहीं राजस्व में भी 50 फीसदी की गिरावट हुई। यह आंकड़े भारत में निर्माताओं (मैन्युफैक्चरर्स) की सबसे बड़ी संस्था ने पेश किए हैं। ऑल इंडिया मैन्युफैक्चरर्स ऑर्गनाइजेशन ( AIMO) द्वारा की गई एक स्टडी में मार्च 2017 से पहले नौकरियों में 60 फीसदी की गिरावट और राजस्व 55 फीसदी घटने के संकेत दिए हैं।
स्टडी में कहा गया है कि लगभग सभी उद्योग में एक ठहराव देखने को मिला है, लेकिन छोटे और मध्यम स्तर के उद्यम (SMEs) सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। अध्यन में कहा गया, “AIMO सरकार द्वारा उठाए गए इस तरह के बड़े कदम (नोटबंदी) के तत्काल प्रभाव को समझता है, लेकिन एक महीने बाद भी इंडस्ट्री में सुधार नहीं हो पाया है।” नोटबंदी के प्रभाव को लेकर AIMO की यह तीसरी स्टडी है, जिसे पिछले महीने सभी सदस्यों को भेजा गया था। जल्द ही चौथी स्टडी भी आने वाली है।