तालाब से बाहर आया रहस्यमयी गांव! देखने के लिए उमड़ी भीड़
Karishma Singh
दुनिया के कई देश पानी की कमी से जूझ रहे हैं। पानी की कमी को दूर करने के लिए सरकारें कई तरह के उपाय कर रही हैं। ब्रिटेन में पानी की समस्या को देखते हुए एक गांव को खत्म कर दिया गया और वहां तालाब बना दिया गया। बड़े शहरों में पानी की कमी को दूर करने के लिए इस तालाब का निर्माण कराया गया था। हालांकि फिर से गर्मी बढ़ने की वजह से जलाशय सूख गया है और पानी में डूबा गांव बाहर आ गया है।
अब इस गांव को देखने के लिए लोगों की भीड़ लगने लगी है। ब्रिटेन के डर्बीशायर की यह घटना है जहां पर ये तालाब मौजूद है। बताया जा रहा है कि यह बात 1940 के दशक की है। डर्बीशायर में स्थित डेरवेंट गांव को खत्मकर तालाब का निर्माण कराया गया था। इस तालाब से ब्रिटेन के डर्बी, शेफील्ड, नॉटिंघम और लीसेस्टर शहरों को पानी की सप्लाई की जाती है।
तालाब का जलस्तर साल 2018 में भयानक गर्मी के कारण बहुत नीचे चला गया था जिसकी वजह से गांव के कुछ इलाके नजर आने लगे। इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए वहां दूर-दूर से लोग जाने लगे। ब्रिटेन इन दिनों भयानक गर्मी का सामना कर रहा है जहां पर हीटवेव सभी रिकॉर्ड्स तोड़ रही है।
अब कहा जा रहा है कि ऐसी ही भीषण गर्मी पड़ती रही, तो लेडीबोवर जलाशय सूख जाएगा और पानी से गांव बाहर आ जाएगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, गांव में सुंदर कॉटेजेज की एक कॉलोनी थी। इसी कालोनी में पत्थरीले पुलों के नीचे से डेरवेंट नदी बहा करती थी। इस कॉलोनी में एक संगठित समुदाय के लोग रहते थे और यहां पर कुछ घर और एक स्कूल था। इस गांव में एक चर्च था जिसका निर्माण साल 1757 में किया गया था। लेकिन शुरुआत में चर्च को नहीं तोड़ा गया था।
तालाब में पानी भर जाने के बाद भी इमारत का ऊपरी हिस्सा दिखता था, लेकिन सेफ्टी का हवाला देखकर चर्च को तोड़ दिया गया। ऐसे मामले आ रहे थे कि लोग तैरकर चर्च के शिखर तक पहुंचने का प्रयास करते थे। पांच साल पहले इस गांव के कई फोटो सामने आए थे जिनमें गांव के रहन सहन दिखते थे।
इन तस्वीरों में पानी में डूबे एशोप्टन गांव में लोग मस्ती करते हुए नजर आते हैं। नदी में भेड़ों को नहलाते और पारंपरिक वेशभूषा में लोग दिखाई देते थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस गांव में साल 1829 में 100 लोग रहा करते थे। इस गांव में जुलाई के महीने में ऊनी मेला का आयोजन किया जाता था। लेडीबोवर जलाशय के निर्माण के पूर गांव को खाली करा दिया गया और इमारतों को नष्ट कर दिया गया।