डॉ. शादाब मोहम्म्द को पद्मश्री सम्मान, इस विशेष तकनीकी के है जनक

लखनऊ। 25 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के सर्वोच्च पुरस्कारों के लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के नाम की घोषणा की। जिन लोगों ने अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में कुछ विशेष काम किया हो। इस सूची में चिकित्सा क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देने के लिए केजीएमयू के डिपार्टमेंट ऑफ ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी के प्रो. डॉ. शादाब मोहम्म्द को पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया है। पद्मश्री की घोषणा होते ही पूरे लखनऊ और केजीएमयू में खुशी का माहौल बन गया है।

1990 में डॉ. शादाब केजीएमयू के डेंटल विभाग में लैक्चरर के पद पर तैनात हुए। गरीब मरीजों की सर्जरी सस्ते में हो, इसके लिए इन्होंने 2016 में टीएमजे रिप्लेसमेंट विधि डेवलप की। इस विधि की मदद से लाखों खर्च के बजाए करीब दो हजार रूपयों में ही जबड़े से जुड़ी हड्डी की सर्जरी की जा रही है।

इस विधि को डेवलप करने के लिए डॉ. शादाब को बेस्ट टीचर का अवार्ड मिल चुका है। साथ ही 2017 में यूपी रत्न अवार्ड और लाइफ टाइम अचीवमेंट के सम्मान से भी सम्मानित किए जा चुके है।

डॉ. शादाब मोहम्मद को पद्मश्री पुरस्कार मिलने से उनका पूरा परिवार खुश है। साथ ही लखनऊ का गौरव भी बढ़ा है। वहीं डॉ. शादाब का कहना है कि यह पुरस्कार मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी उपलब्धि है। गरीबों के लिए कुछ करता हूं तो मेरे दिल को खुशी मिलती है।

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