अमेरिका में भी आसमान छू रही PM मोदी की लोकप्रियता, भाषण सुनने के लिए 50 हजार लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन
देश ही नहीं पूरी दुनिया में PM नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता आसमान छूती नजर आ रही है. पूरी दुनिया में उनकी चाहने वालों की कमी नहीं है. इसका अंदाजा विदेश में और देश में या फिर हम कहें सोशल मीडिया पर उनकी जबरदस्त फैन फोलोविंग से लगाया जा सकता है. अगले महीने अमेरिका के ह्यूस्टन में होने जा रहे ‘हाऊडी, मोदी’ कार्यक्रम के लिए अभी से लोगों में इतना क्रेज है कि अभी तक 50 हजार से ज्यादा लोगों ने इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. वैसे तो इस कार्यक्रम के लिए अभी तक कोई एंट्री फीस नहीं रखी गयी है लेकिन अभी से ही यहाँ की सारी सीटें फुल हो चुकीं हैं. इसके साथ ही लोगों की सहूलियत के लिए इस कार्यक्रम को टीवी और इन्टरनेट पर भी प्रसारित किया जायेगा.
इस कार्यक्रम के आयोजनकर्ता एनजीओ टेक्सास इंडिया फोरम (टीआईएफ) ने बुधवार को कहा, सितंबर में एनआरजी स्टेडियम में आयोजित होने वाले इस विशाल सामुदायिक सम्मेलन में पीएम मोदी को सुनने के लिए 50 हजार से ज्यादा समर्थक आने की उत्सुकता दिखा चुके हैं। आयोजकों ने यह भी कहा कि कार्यक्रम में आने के इच्छुक लोगों का अब भी पंजीकरण किया जा रहा है।
नए पंजीकरण वाले लोगों को वेटिंग लिस्ट में नंबर दिया जा रहा है। विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए विशेष आवंटन व्यवस्था के तहत 29 अगस्त तक उपस्थिति पंजीकरण खुला रहेगा। बता दें कि यह मोदी का पीएम के तौर पर अमेरिका में तीसरा सार्वजनिक संबोधन होगा। इससे पहले मोदी ने 2014 में न्यूयॉर्क के मेडिसन स्क्वॉयर गार्डन और 2016 में सिलिकॉन वैली में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित किया था। इन दोनों ही कार्यक्रमों में 20 हजार से ज्यादा लोगों की उपस्थिति रही थी।
बता दें कि ‘हाऊडी’ दक्षिण पश्चिम अमेरिका में सामान्य तौर पर उपयोग किया जाने वाला मित्रतापूर्ण संबोधन है, जिसका अर्थ होता है ‘हाऊ डू यू डू? यानी आप कैसे हैं?’ प्रधानमंत्री मोदी को न्यूयॉर्क में 27 सितंबर को आयोजित होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा में शामिल होना है। इससे पहले वह अग्रणी उद्योगपतियों, राजनेताओं और सामुदायिक नेताओं से मिलने के लिए ह्यूस्टन पहुंचेंगे। इस दौरान वह ‘हाऊडी, मोदी’ सम्मेलन में हिस्सेदारी करेंगे, जिसकी टैगलाइन ‘शेयर्ड ड्रीम्स, ब्राइट फ्यूचर्स’ रखी गई है।
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इस कार्यक्रम के आयोजन के जरिए अमेरिका की तरक्की और दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने में दिए गए भारतीय मूल के निवासियों के योगदान को हाईलाइट करना है। मोदी का ह्यूस्टन दौरा इस लिहाज से भी खास है कि इस शहर को दुनिया की एनर्जी कैपिटल कहा जाता है और ऊर्जा सुरक्षा प्रधानमंत्री के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक है।