White bread खाने से हो सकता है cancer, इसके ये खतरे नहीं पता होंगे आपको!

एजेन्सी/  bread-5576b61e3188c_lअगर आप ब्रेड खाने के शौकीन हैं, तो जरूर पढ़ें ये खबर…

सुबह के नाश्ते से लेकर दोपहर के स्नैक्स में ब्रेड हम खाने लगे हैं। फटाफट तैयार हो जाने वाला सैंडविच, ब्रेड-जैम या ब्रेड-मक्खन खानपान का हिस्सा हो गए हैं। बीमार व्यक्ति को भी दलिया व खिचड़ी की जगह हम ब्रेड खिलाने लगे हैं जबकि मैदे से बनी ब्रेड कई गंभीर रोगों का खतरा बढ़ाती है। अधिक मात्रा में ब्रेड खाने से कब्ज की शुरुआत होती है जो धीरे-धीरे आमाशय में छेद (पेप्टिक अल्सर) का कारण बन जाती है।

ब्रेड में हाई लेवल सोडियम है जो बीपी व हृदय रोग बढ़ाता है। ज्यादा ब्रेड खाने से शरीर में नमक इकट्ठा होता है व कई रोगों के होने की आशंका रहती है।

मैदे से बनी होने के कारण शरीर को इसे पचाने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है। इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स लिवर को क्षति पहुंचाते हैं। ब्रेड में पोषक तत्त्व बहुत कम हैं। इसे खाने से फाइबर नहीं मिलता है। व्हाइट ब्रेड की बजाय होल-ग्रेन ब्रेड तुलनात्मक रूप से बेहतर है।

ब्रेड में बहुत ज्यादा ग्लूटेन (लिसलिसा पदार्थ) है जो सीलिएक रोग का खतरा बढ़ाता है। इसे खाने के बाद कई बार पेट खराब हो जाता है इसकी वजह है ग्लूटेन इन्टोलरेंस।

इसमें मौजूद नमक, चीनी और प्रीजरवेटिव्स वजन बढ़ाने का काम करते हैं। जिनका वजन ज्यादा है उन्हें इससे परहेज करना चाहिए। ब्रेड केवल फिलर का काम करती है। इसे आहार के रूप में इस्तेमाल करना भ्रम है।

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