गोवा : जल संसाधन मंत्री ने कर्नाटक सरकार को बताया ‘झूठा’

जल संसाधन मंत्रीपणजी। कन्नड़ लोगों को ‘हरामी’ कहने के कुछ दिनों बाद गोवा के जल संसाधन मंत्री विनोद पालेकर ने मंगलवार को महादेई जल विवाद को लेकर कर्नाटक सरकार पर ‘आदतन झूठ’ बोलने का आरोप लगाया। विनोद पालेकर ने मंगलवार को फेसबुक पर अपलोड किए एक पोस्ट में कर्नाटक सरकार पर अपने विशेषज्ञ गवाह को न्यायाधिकरण के सामने पेश होने से पहले भुगतान करने का आरोप लगाया, जिसे उन्होंने अनुचित करार दिया।

विनोद पालेकर ने कहा, “कर्नाटक के डब्ल्यूआरडी मंत्री ने कहा कि उन्होंने किसी चीज का उल्लंघन नहीं किया है। कर्नाटक सरकार को महादेई मुद्दे पर झूठ बोलने की आदत है। हम तस्वीरों के साक्ष्य के साथ अवमानना दाखिल करेंगे।”

यह भी पढ़ें:- मुस्लिमों को दी जाने वाली हज सब्सिडी जानिए अब सरकार कहां करेगी खर्च

उन्होंने आगे अपनी पोस्ट में कहा, “गोवा कभी अपने गवाहों को भुगतान नहीं करता। हमारे गवाह महादेई मामले को ध्यान में रखकर काम करते हैं। कर्नाटक के गवाह ए.के.गोसाई ने कबूल किया कि उन्हें 50 हजार प्रतिदिन कर्नाटक सरकार की तरफ से गवाह बनने के लिए भुगतान किया गया है और पांच लाख रुपये रिपोर्ट तैयार करने के लिए।”

फेसबुक पोस्ट में कर्नाटक जल संसाधन विभाग के विशेष कार्य अधिकारी एम.सतीश कुमार द्वारा हस्ताक्षरित एक नोट की छायाप्रति भी है, जिसमें अधिकारी न्यायाधिकरण के समक्ष प्रासंगिक रिपोर्ट रखने के लिए विशेषज्ञ के तौर पर प्रोफेसर ए.के.गोसाईं को भुगतान करने की बात कहते हैं।

विनोद पालेकर ने शनिवार को कन्नड़ लोगों को ‘हरामी’ कह कर विवाद खड़ा कर दिया था। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया व कर्नाटक के पूर्व भाजपा नेता बी.एस. येदियुरप्पा ने गोवा के मंत्री के बयान की निंदा की। इसके बाद मंत्री ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांग ली।

गोवा, कर्नाटक व महाराष्ट्र में महादेई नदी पर कलसा-भंडुरा बांध परियोजना को लेकर न्यायाधिकरण में विवाद चल रहा है, कर्नाटक महादेई बेसिन से पानी पास के मालप्रभा नदी में मोड़ना चाहता है।

यह भी पढ़ें:- जज लोया से संबंधित दस्तावेज याचिकाकर्ता को सौंपा जाए: सुप्रीम कोर्ट

महादेई नदी को मंडोवी के नाम से भी जानते हैं। यह तटीय राज्य के उत्तरी हिस्से की जीवन रेखा मानी जाती है। इसका उद्गम स्थल कर्नाटक है और पणजी गोवा में यह अरब सागर में मिल जाती है।

नदी का 28.8 किमी हिस्सा कर्नाटक में और 50 किमी से ज्यादा हिस्सा गोवा में पड़ता है।

मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने बीते महीने येदियुरप्पा को एक पत्र लिखा था, जिसमें उनसे मानवीय आधार पर पीने के पानी की साझेदारी की चर्चा की बात कही थी। इसे लेकर गोवा व कर्नाटक में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे।

LIVE TV