Uttarakhand: अब तकनीक से लड़ेंगे कोरोना से जंग, यह रोबोट देगा मरीजों को दवा, जानें और क्या है खास

कोरोना महामारी से देश को बचाने के लिए सभी कर्मचारी अपनी ड्यूटी बहुत ही अच्छे से निभा रहे हैं. ऐसे में उनकी जान को भी खतरा है लेकिन इस बात की फिर्क किए बिना ही वे दिन-रात लगे रहते हैं. मगर अब इस बात के लिए परेशान होने की जरुरत नहीं पड़ेगी कि कहीं डॉक्टर्स और मेजिकल स्टाफ़ को कोरोना ना हो जाए. इस बात को ध्यान में रखते हुए अब तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. देहरादून की ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी में स्थित स्टार्टअप सेंटर के माध्यम से यहां के पूर्व छात्रों ने कोरोना से लड़ने को रोबोट तैयार किया है. इस रोबोट का एम्स दिल्ली में परीक्षण कामयाब हो गया है. यह रोबोट मरीजों तक दवाई पहुंचाने के साथ ही उनकी डॉक्टर के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग भी कराएगा.

रोबोट

ग्राफिक एरा के टेक्नोलॉजी बिजनेस इंक्यूबेटर (टी.बी.आई.) ने नोवल कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए डॉक्टरों और पुलिस की जरूरतों के अनुरूप नया रोबोट और ड्रोन तैयार करने में कामयाबी हासिल की है। ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी से बीटेक करने के बाद मानस उपाध्याय और अविनाश चंद्र पाल ने इसी केंद्र में डीटाउनरोबोटिक्स प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी खोली।

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ऐसे करेगा मदद

इसी के माध्यम से उन्होंने कोविड-19 के मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों को संक्रमण से बचाने के लिए एक खास तरह का रोबोट तैयार किया है। यूनिवर्सिटी से एमसीए कर चुके सौरभ करीर भी यह रोबोट तैयार करने के प्रोजेक्ट में शामिल हैं।

ग्राफिक एरा के छात्र से इस कम्पनी के पार्टनर बने मानस उपाध्याय ने बताया कि यह रोबोट डॉक्टरों को कोरोना के मरीजों के सीधे सम्पर्क में आने से बचाएगा। इसके जरिये मरीज को दवा देने से लेकर उसकी डॉक्टरों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग तक की जा सकती है। साथ ही यह रोबोट आइसोलेशन में रखे मरीज के कमरे से कचरा हटाने का कार्य भी करता है।

ड्रोन भी किया तैयार

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) दिल्ली के प्रोफेसर डॉ. ए. शरीर की देखरेख में एम्स में इसका परीक्षण भी कर लिया गया है। इस कम्पनी के मेंटोर व ग्राफिक एरा के शिक्षक गगन बंसल ने बताया कि एम्स के विशेषज्ञों ने इस रोबोट को कोरोना के विरूद्ध जंग में बहुत कारगर करार दिया है।

इसी कम्पनी ने पुलिस को किसी क्षेत्र की सर्विलांस करने, लोगों की आवाजाही की स्थिति जानने, अत्यावश्यक चीजों की  डिलीवरी और भीड़ में गए बगैर लाइव या रिकॉर्ड की गई घोषणाएं करने के लिए ड्रोन तैयार किया है। कम्पनी ने उत्तराखंड की इंफोरमेशन टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट अथॉरिटी (आईटीडीए) के निदेशक अमित सिंहा के समक्ष भी इसका प्रदर्शन किया था।

डॉक्टर-पुलिस को बचाएगी फेस शील्ड

ग्राफिक एरा के इसी टी.बी.आई. में खोली गई एक अन्य कम्पनी एवीके एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड ने कोरोना के विरूद्ध जंग में शामिल डॉक्टरों और पुलिस के जवानों को संक्रमण से बचाने के लिए फेस शील्ड तैयार की है।

कंपनी के सीईओ डॉ. विशाल जेसी ने स्टार्ट अप के पार्टनर ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के फाइनल ईयर के छात्र मधुर सक्सेना के साथ चिकित्सा विभाग और प्रशासन के अधिकारियों के समक्ष इस फेस शील्ड का प्रदर्शन किया।

 

40 फेसशील्ड प्रशासन को सौंपी

 

इस टीम ने सीडीओ नितिका खंडेलवाल, अपर जिलाधिकारी वीर सिंह बुद्धियाल और डिप्टी सीएमओ डॉ.कैलाश गुंज्याल को इस शील्ड से होने वाले बचाव की जानकारी दी। इस टीम ने 40 फेसशील्ड भी प्रशासन को सौंपी।

 

शिक्षा को नई तकनीकों से जोड़ने, अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं में प्रैक्टिकल और विशेषज्ञों की सेवाएं निशुल्क उपलब्ध कराने का सुपरिणाम है कि छात्र व पूर्व छात्र देश व समाज की जरूरतों से जुड़ी खोज कर रहे हैं और एक के बाद एक कामयाबी हासिल कर रहे हैं। इस तरह छात्र नौकरी मांगने वाले नहीं, बल्कि दूसरों को नौकरी देने वाले बन रहे हैं। आपदा की इस घड़ी में ग्राफिक एरा पूरी क्षमता से देश के साथ खड़ा है।
-डॉ. कमल घनशाला, अध्यक्ष, ग्राफिक एरा ग्रुप

 

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