यूपीएससी मेन्स 2021 दोबारा कराने से व्यापक जनहित का हो सकता है नुकसान

(अराधना)

यूपीएससी 2021 की प्रारंभिक परीक्षा पास तीन अभ्यर्थी कोविड संक्रमित होने के कारण मुख्य परीक्षा में बैठने से वंचित रह गये थे। लिहाजा इन अभ्यर्थियों ने सूप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दोबारा परीक्षा कराने की मांग की थी।

अब इस दायर याचिका पर संघ लोक सेवा आयोग ने आपत्ति जताई है। आयोग ने कहा अगर अभ्यर्थियों को अतिरिक्त अवसर दिए, तो इसके व्यापक प्रभाव होंगे। ऐसा करने से चल रही, आगे होने वाली और अन्य परीक्षाओं के कार्यक्रमों में अव्यवस्था बन सकती है। कोई भी परीक्षा समय पर पूरी नहीं हो पाएगी। आयोग ने हलफनामा दाखिल कर कहा कि कोर्ट को कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग को भी ध्यान में रखकर याचिका पर सुनवाई करना चाहिए।

समय पर अधिकारियों की नियुक्ति, रिक्तियां भरना, अहम पदों पर तैनाती संवेदनशील मसले हैं। कुछ अभ्यर्थियों को राहत देने में व्यापक जनहित का नुकसान हो सकता है। एक अवसर छूटने पर भी यह व्यवस्था पहले से अभ्यर्थियों को उचित अवसर देती है। यूपीएससी के तरफ से 21 से 32 साल तक के अभ्यर्थी को कुछ छूट के साथ छह बार सिविल सेवा परीक्षा देने का मौंका दिया गया है। दोबारा परीक्षा करवाने से सारी व्यवस्था अस्त- व्यस्त हो जाएगी। कुछ अभ्यर्थियों को राहत देने में व्यापक जनहित का नुकसान हो सकता है।

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