कोविड-19 से मृत्यु के बाद, मुआवजा पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया कहा..

सुप्रीम कोर्ट के जज एम आर शाह ने कहा कि जिस तरह भारत में कोरोना वायरस ने अब तक अपना प्रकोप दिखाया हैं। उससे हमें बहुत कुछ सीखने की जरूरत हैं।

वही शाह ने कहा कि हमारे देश में कोरोना को लेकर जो भी इंतजाम हुए हैं। उससे मैं बेहद खुश हूं। इंतजामों की तारीफ करते हुए शाह ने कहा कि 136.64 करोड़ जनसंख्या होने के बावजूद भी हालातों को जिस तरह संभाला है उसकी तारीफ करनी चाहिए। आगे कहा, जिस तरह से भारत में कोरोना वैक्सीन अभियान चलाया गया। कोई भी देश ऐसा नहीं कर पाया। आगे कहा कि,”मैं बेहद खुश हूं” कि पीड़ित व्यक्तियों के आंसू पोछने लिए कुछ किया जा रहा है। वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमने अपना काम किया है, हमने कोरोना से लड़ने के लिए हर मुमकिन कोशिश की है।

बता दें कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया हैं। जिसके मुताबिक अगर कोई व्यक्ति कोविड-19 से,30 दिनों के अंदर उसकी मृत्यु या उस  दौरान खुदकुशी कर लेता हैं, तो उसे कोविड-19 से हुई मौत के रूप में माना जाएगा। वहीं केंद्र सरकार ने इस हलफनामे में कहा कि अगर ऐसा मामला सामने आता है तो इन परिवारों को मुआवजा दिया जाएं।

केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे को दाखिल कर कहा कि अगर किसी व्यक्ति की कोरोना के कारण मौत हो जाती है तो उसे 50 हजार मुआवजा दिया जाएं। फिलहाल इस पर सुप्रीम कोर्ट ने, मामले को सुरक्षित रख लिया है इस मामले पर वह 4 अक्टूबर को अपना फैसला सुनाएगी।

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