एससी-एसटी एक्ट बनेगा भारतीय समाज के विघटन का कारण: शंकराचार्य स्वरूपानंद

रिपोर्ट- अमित भार्गव

मथुरा। द्वारका-शारदा पीठ के शंकराचार्य  स्वरूपानंद ने वृन्दावन प्रवास पर आये हुए है और शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संशोधित रूप में लाया गया अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून भारतीय समाज में विघटन का कारण बनेगा।

स्वरूपानंद

मीडिया से बात करते हुए शारदा द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि देश का अध्यादेश है और कोई व्यक्ति अपराधी है या हत्यारा है। अपराधी दंडित होना चाहिए लेकिन निरपराध दंडित नहीं होना चाहिए इससे क्या होगा कि अनुसूचित जनजाति का व्यक्ति या जनजाति का व्यक्ति झगड़े से भी करते हैं और आपस की रंजीत से भी लोग करते हैं।

सवर्ण लोग भी अपने विरोधी को नीचा दिखाने के लिए एक दूसरे के ऊपर आरोप लगा देते हैं और व्यक्ति जेल में चला जाता है अच्छा हुआ जेल से निकलेगा उसके हृदय में जेल में जो आया है उसके प्रति भेदभाव होगा यह हमेशा के लिए देश को बांटने के लिए होगा। वहीं आरक्षण पर बोलते हुए कहा देश में आरक्षण से कोई लाभ नहीं है। यह जो आरक्षण है किसी से छीन कर किसी को देने का है और उनसे छीना आ जाए उनका अपराध क्या है हम भी चाहते हैं जिनके पास सद्बुद्धि है नौकरी है उनको दूर रहने दे और जो लोग इससे वंचित हैं उन को आगे बढ़ाएं दूसरों के विकास को क्यों छोड़ना है हम भी चाहते हैं कि उन्नति का सभी को समान अवसर मिलना चाहिए जातिगत आरक्षण किसी भी हालत में नहीं मिलना चाहिए भारत का नागरिक है तो उसे आरक्षण उन्नति के आधार पर मिलना चाहिए।

नौकरी का सवाल है नौकरी भोजन और पेट भरने के लिए नहीं है समाज सेवा के लिए है अगर आप समाज सेवा में जिस को नियुक्त कर रहे हैं उसको उस योग्य तो बनाइए। वही मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा इनकी जो नियत है वह राम मंदिर बनाने कि नहीं है अगर इनको राम मंदिर बनाना ही था तो बीपी सिंह को क्यों नहीं सम्मिलित किया । आप कहते हैं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और जब बेटी नहीं बचेगी तो बहू कहां से लाओगे देश में भी प्रतिभाशाली हैं अगर सब विदेश में चले जाएंगे तो देश की उन्नति कैसे होगी सब विदेश भाग रहे हैं । जो योग है उसको ऊपर उठने का अवसर जरूर मिलना चाहिए इसका यह मतलब नहीं आप उस को अयोग्य अवस्था में ही रखें उसको उन्नति के अवसर मिले और उन्नति व कार्य और प्रतिस्पर्धा में वह आए ऐसी स्थिति में देश की उन्नति में बाधा है तो बनती हैं और यहां के जो नेता बीमार पड़ते हैं।

यह भी पढ़े: कलयुगी बेटे ने मामूली सी कहासुनी के बाद मां-बाप को कुल्हाड़ी से काट डाला

विदेश में अपना इलाज कराने के लिए जाते हैं इलाज करते करते यह पता लगा लेते हैं कि यह आरक्षित वर्ग का तो नहीं है और यह आरक्षित वर्ग का है तो उसे इलाज नहीं कराएंगे। आरक्षण को लेकर सवर्ण समाज कोई नहीं बल्कि पूरे देश को खड़ा होना चाहिए जो दलित हैं उनको भी खड़ा होना चाहिए क्योंकि देश की इस तरह तरक्की नहीं हो सकती हम चाहते हैं जो दलित समाज है वह समाज के साथ समरसता बना कर चले।

LIVE TV