जानिए क्या है स्वर्वेद मंदिर की खासियत, जहां आज पहुंचे थे पीएम मोदी

पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे के बीच स्वर्वेद मंदिर पहुंचे। इस मंदिर की खासियत है कि यहां 20 हजार से भी ज्यादा लोग एक साथ मेडिटेशन कर सकते हैं। इसी वजह से ही यह दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर भी हैं। पीएम के दौरे के बाद सुर्खियों में आए इस मंदिर को लेकर कई लोगों के मनों में सवाल खड़े हुए होंगे। इसी के साथ एक सवाल यह भी जरूर सामने आया होगा कि यह किस का मंदिर है और मंदिर में खास क्या है। लिहाजा आज हम आपको इससे जुड़ी हुई ही कुछ बाते बताने जा रहे हैं।

स्वर्वेद दो शब्दों के योग से मिलकर बना हुआ है। स्वः और वेद। स्वः का अर्थ होता है आत्मा वहीं वेद का अर्थ है ज्ञान। स्वः का दूसरा अर्थ परमात्मा भी है। और वेद का अर्थ ज्ञान है। जिसके द्वारा आत्मा का ज्ञान प्राप्त किया जाता है और जिसके द्वारा स्वंय का ज्ञान प्राप्त किया जाता है उसे ही स्वर्वेद कहते हैं। खासियत यह हैं कि इस मंदिर में किसी विशेष पूजा की बजाए मेडिटेशन किया जाता है। यह एक मेडिटेशन स्थल है।
सद्गुरु सदाफल देव विहंगम योग संस्थान की ओर से वाराणसी के उमरहा में इस निर्माण करवाया गया है। स्वर्वेद महामंदिर का निर्माण कार्य 2014 से शुरु हुआ था जो आज तक लगातार जारी है। यह साधना का विशालतम केंद्र माना जाता है। यह भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अमर सेनानी महर्षि सदाफलदेव जी महाराज और सद्गुरु सदाफलदेव विहंगम योग सन्त समाज से संबंधित है।

विशाल स्वर्वेद महामंदिर आकर्षण का विशेष केंद्र है। यह सात मंजिला है औऱ 35 करोड़ की लागत से भी अधिक में 64 हजार स्क्वायर फिट में बनाया गया है। दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर 180 फीट ऊंचा है। यहां के अनुयानी भारत के करीब सभी राज्यों और विदेशों से भी आते हैं। इस सुपर स्ट्रक्चर की काफी चर्चाएं है। इस मंदिर में मकराना मार्बल का इस्तेमाल किया गया है। जिसमें तकरीबन 3137 स्वर्वेद के दोहे लिखे गए हैं। इसमें कमल के आकार का गुबंद भी बना हुआ है।

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