PM मोदी की ज़ुबानी जानिए EVM के 32 साल का इतिहास ! देखें…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव देने के दौरान ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के 1977 से लेकर अब तक के इतिहास पर चर्चा की.

उन्होंने ईवीएम से पहले के चुनाव, फिर EVM आने और उस पर उठ रहे सवालों पर भी बात की.

प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 1952 के बाद जब चुनाव हुआ तो तब महीने-महीने भर चुनाव होते थे. बड़े-बड़े बक्से उठाकर लाए जाते, फिर गणना होती.

उस व्यवस्था में सुधार करते हुए हम यहां पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि पहले चुनाव के बाद अखबारों की हेडलाइन होती थी कि इतनी हिंसा हुई, इतने लोग मारे गए, इतने बूथ कैप्चर हुए. वहीं, अब खबर होती है पहले से मतदान प्रतिशत कितना बढ़ा. जानें क्या बनाया इतिहास.

उन्होंने कहा कि साल 1977 में पहली बार देश में इवीएम की चर्चा शुरू हुई. तब कांग्रेस की सरकार थी. हम कहीं दूर-दूर तक नहीं थे.

फिर साल 1982 में पहली बार इसका प्रयोग किया गया. तब भी हम सत्ता में नहीं थे. कांग्रेस के कार्यकाल में ही इसका पहला प्रयोग हुआ.

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि साल 1988 में इसी सदन में बैठे हुए महानुभावों ने कानूनन इस व्यवस्था को स्वीकृति दी.

 

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अब तक ईवीएम से हुए चुनाव

साल 1982 में कांग्रेस के नेतृत्व में इसे लेकर कई रूल बनाए गए. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में अब तक ईवीएम से 113 विधानसभा चुनाव और चार लोकसभा के जनरल इलेक्शन हुए हैं.

फिर साल 2001 के बाद विभिन्न अदालतों में EVM  के मामले उठे,  जिसमें न्यायालयों ने ईवीएम के पक्ष में ही फैसले दिए.

उन्होंने आगे कहा कि साल 2017 में देश भर में हो हल्ला होने पर इलेक्शन कमीशन ने चैलेंज दिया कि कोई भी आकर हमें गलत साबित करे.

फिर वीवीपैट की बात आई, जितनी आशंकाओं को लेकर लोग गए, लेकिन वीवीपैट ने फिर से ताकत को बढ़ा दिया. बता दें कि चुनाव आयोग वोटर वेरिएफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) का इस्तेमाल करता है.

इसके जरिए मतदाता को यह पता चलता है कि जिस कैंडिडेट के लिए ईवीएम में उसने बटन दबाई है, वोट उसे ही मिला है. इसके लिए ईवीएम से VVPAT मशीन भी जुड़ी होती है.

इलेक्शन कमीशन के बुलावे पर कोई बड़ी पार्टी वहां नहीं गई लेकिन दो पार्टियां एनसीपी और सीपीआई इलेक्शन कमीशन गई. वो भी उन्होंने कहा कि बताइए कि ये कैसे काम करता है.

उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में भी आवाज उठी थी लेकिन हमने सब चीजें समझीं और तकनीक को समझकर शक को हटाया.

 

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