रामगंगा और गंगा नदी के बढ़े जलस्तर से जनजीवन अस्त व्यस्त

रिपोर्ट- दिलीप कटियार
फर्रुखाबाद। गंगापार में रामगंगा और गंगा नदी के बढ़े जलस्तर से बाढ़ और विकराल हो रही है। जिससे ग्रामीण दिक्कतों में आ गए हैं। कई गांव में ग्रामीणों के घरों पर छतों पर खाना बनाया जा रहा है। परिजन चावल खाकर सोने को मजबूर हो रहे हैं। घरों में राशन खत्म होने को पहुंच गया है।

रामगंगा और गंगा नदी के बढ़े जलस्तर से जनजीवन अस्त व्यस्त

फर्रुखाबाद के लगभग 70 गाँवो में चारो ओर बाढ़ का पानी ही पानी है। घरों के अंदर भी पानी भरा हुआ है। यहां कई परिवारों का खाना घरों में पानी भरा होने से छतों पर पकाया जा रहा है। घरों में राशन सामग्री भी खत्म होने की ओर बढ़ रही है। हालांकि प्रशासन ने अभी यहां के लोगों को मदद दी थी। मंझा की मड़ैया गांव का भी कुछ ऐसा ही हाल है। यहां तो लोग पानी से घिरे हुए हैं। बच्चे जब दिन में अधिक जिद करते हैं तो चावल पकाकर दे दिए जाते हैं।

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यहां भी लोगों की दिक्कतें बढ़ रही हैं। आशा की मड़ैया, उदयपुर, सबलपुर, जगतपुर, कंचनपुर, कुड़री सारंग, करनपुर, नगला दुर्गू, हरसिंहपुर कायस्थ आदि गांव में लोग बाढ़़ के पानी को लेकर परेशान हो रहे हैं। यह गांव बाढ़ के पानी से इस कदर घिरा है कि यहां राजस्व टीम जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है ।

सांसद मुकेश राजपूत और जिलाधिकारी मोनिका रानी ने नगला दुर्ग, कछुआगाड़ा, सुंदरपुर, पट्टी भरखा सहित आधा दर्जन गांव में वह नाव पर सवार होकर पहुंचे। बाढ़ से प्रभावित लोगों को तिरपाल व अन्य राहत दी। ग्रामीणों को पूरी मदद का भरोसा दिया। जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बताया कि क्षेत्र में नजर रखी जा रही है । पूरी राजस्व टीम अलर्ट है। कहीं कोई अभी बड़ी दिक्कत नहीं आई है। बस बाढ़ का पानी ही भरा है।

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