जम्मू-कश्मीर में अपहृत जवान पाया गया मृत, शरीर पर मिले गोली और चाकू के घाव

शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, अनंतनाग में आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान प्रादेशिक सेना की 161वीं इकाई के दो सैनिकों का अपहरण कर लिया गया था। बाद में, एक सैनिक मृत पाया गया, जिसके शरीर पर गोली और चाकू के निशान थे।

वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि जम्मू एवं कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकवादियों द्वारा अगवा किए गए भारतीय सेना के एक जवान का शव मिला।

प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, प्रादेशिक सेना की 161वीं इकाई के दो सैनिकों को 8 अक्टूबर को शुरू किए गए आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान अनंतनाग के वन क्षेत्र से अगवा कर लिया गया था। लेकिन, उनमें से एक दो गोलियां लगने के बाद भी भागने में सफल रहा।बाद में, तलाशी अभियान के दौरान दूसरा सैनिक अनंतनाग के पथरीबल वन क्षेत्र में मृत पाया गया, उसके शरीर पर गोली और चाकू के निशान थे।

सेना के अधिकारियों ने बताया कि घायल सैनिक को आवश्यक उपचार के लिए चिकित्सा सुविधा में ले जाया गया है और उसकी हालत स्थिर बनी हुई है। सेना के अधिकारियों ने बताया कि लापता सैनिक का पता लगाने के लिए इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया है।

यह घटना जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की मतगणना के दिन हुई। भारतीय सेना के श्रीनगर स्थित चिनार कोर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “खुफिया जानकारी के आधार पर, भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर 8 अक्टूबर को कोकरनाग के कज़वान जंगल में एक संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया था। यह अभियान रात भर जारी रहा, क्योंकि प्रादेशिक सेना का एक जवान लापता बताया गया था।”

इससे पहले इसी साल अगस्त में अनंतनाग में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में भी दो जवान शहीद हो गए थे और तीन अन्य घायल हो गए थे।

इससे पहले डोडा जिले में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में चार सैन्यकर्मी और एक पुलिस अधिकारी शहीद हो गए थे । इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के छद्म समूह ‘कश्मीर टाइगर्स’ ने ली थी।

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