इफ्तार के दौरान खानें में शामिल करें यह पौष्टिक आहार, ताकि हर दिन रहें फिट

दिलीप कुमार

रमजान का पाक महीना शुरू हो गया है। ऐसे में ज्यादातर लोग रोजा यानी व्रत रखते हैं। इस व्रत के अनेक फायदें होते हैं। इस पूरे महीने में मुस्लिम लोग अल्लाह की इबादत करते हैं और रोजा रखते हैं।

रोजा रखने वाले लोग पूरे महीने अपने विचारों में शुद्धता लाने का प्रयास करते हैं और अपनी बातों से किसी को नुकसान न पहुंचानें का संकल्प लेते हैं। रोजा रखने वाले लोग पूरे महीने तक शरीर की शुद्धता का विशेष ध्यान देते हैं। इन सब शर्तों के साथ ही मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे एक महीने तक नियमित सूर्योदय से सूर्यास्त तक कुछ भी नहीं खाते हैं और न ही कुछ पीते हैं।

शाम को इफ्तार की नमाज के बाद अपना रोजा खोलते हैं। रमजान के दौरान रोजा यानी व्रत रहने के अनेकों फायदे हैं। किसी भी स्वास्थ्य समस्या से बचने के लिए कुछ अलग करना तरीके से करना चाहिए। व्रत के दौरान भी लंबे समय तक कुछ नहीं खाया जाता। जैसे अधिकतर लोग रात 8 से सुबह 12 बजे तक कुछ नहीं खाते और फिर निश्चित समय यानी 12 से रात 8 के बीच हेल्दी फूड का सेवन करते हैं, इसे इंटरमिटेंट फास्टिंग कहा जाता है।

आम लोगों का मानना हैं कि रमजान के महीने में रोजा के दौरान इंटरमिटेंट फास्टिंग से न केवल आपका फैट कम होता है, बल्कि शरीर भी उन हानिकारक विषाक्त पदार्थों से मुक्त हो जाता है, जो शरीर में फैट जमा करते हैं। रमजान के दौरान 1 महीने के लंबे अवधि में आपकी शरीर कुदरती रूप से डिटॉक्सीफाई हो जाती है, जिससे आपको रमजान के बाद भी एक स्वस्थ जीवन शैली जारी रखने का मौका मिलता है।

रमजान के व्रत के दौरान, रोजा रहने वाले लोग भोजन और पानी के बिना 12-14 घंटे से अधिक समय तक रहते हैं। रमजान के दौरान दिन में खाना ना खाने से उच्च कोलेस्ट्रॉल, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मोटापा जैसी पुरानी बीमारियों को रोकने में मदद मिल सकती है, साथ ही मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।

आपको बता दें कि प्राय: लोग उपवास रखने के बाद फलहारी के दौरान अनहेल्दी चीजों का सेवन करके दिनभर के लाभ को नष्ट कर देते हैं। यदि आप अपने खाने में फाइबर युक्त खाद्य सामाग्री को शामिल करें जैसे सेब, नाशपाती, बीन्स, साबुत अनाज, पॉपकॉर्न तो इनसे आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में फाइबर की कमी पूरी हो जाएगी।

दाल और दही का सेवन जरूर करें। दही पाचन को ठीक रखने में मदद करती है और इससे पर्याप्त मात्रा में कैल्सियम भी मिलता है। इसके साथ ही हर प्रकार के दालों का सेवन हमें दिनभर के लिए पर्याप्त प्रोटीन की आपूर्ति करता है।

हो सके तो उपवास तोड़ने के बाद कच्चा पनीर या दूध का सेवन करें जो आपको दिन भर ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करेगा। इन खाद्यान्नों में मौजूद प्रोटीन पेट को देर तक भरा रखता है। एक गिलास दूध का सेवन करें और पनीर के चार-पांच टुकड़े खा लें।

वैसे तो सहरी व इफ्तार दोनों ही वक्त सूखा खजूर खाने का रिवाज रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये सूखा मेवा पेट को देर तक भरा रखता है और भूख भी महसूस नहीं होती। खजूर के अलावा आप काजू, बादाम किशमिश आदि का सेवन भी कर सकते हैं।

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