Gyanvapi Masjid Case: हिंदू पक्ष पहुंचा इलाहाबाद हाईकोर्ट, 28 सितंबर को होगी अगली सुनवाई निर्धारित

उत्तर प्रदेश में वाराणसी की जिला न्यायाधीश ए.के. विश्वेश ने अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मामले की विचारणीयता पर सवाल उठाया गया था। मुस्लिम पक्ष ने अदालत के इस फैसले को उच्‍च न्‍यायालय में चुनौती देने की घोषणा की है। इसके साथ ही काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। वहीं, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी के काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सोमवार को अगली सुनवाई की तारीख 28 सितंबर, 2022 निर्धारित की है।

जिला अदालत ने ज्ञानवापी शृंगार गौरी मामले की विचारणीयता पर सवाल उठाने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी और कहा कि वह देवी-देवताओं की दैनिक पूजा के अधिकार के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई जारी रखेगी, जिनके विग्रह ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं। इस फैसले के बाद हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में कैविएट अर्जी की है, ताकि मामले में एकपक्षीय आदेश कोर्ट जारी न किया जाए, अगर मस्जिद समिति द्वारा वाराणसी अदालत के आदेश के खिलाफ याचिका दायर करेगी तो हाईकोर्ट कैविएट दाखिल होने की स्थिति में बिना हिन्दू पक्ष को सुने आदेश नहीं देगा।

हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने बताया कि जिला न्यायाधीश ए.के. विश्वेश ने मामले की विचारणीयता पर सवाल उठाने वाली याचिका को खारिज करते हुए सुनवाई जारी रखने का निर्णय किया। अदालत में मौजूद एक वकील ने बताया कि जिला न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के वादियों और उनके अधिवक्‍ताओं समेत 32 लोगों की मौजूदगी में 26 पन्‍नों का आदेश 10 मिनट के अंदर पढ़कर सुनाया। अदालत ने गत 24 अगस्‍त को इस मामले में अपना आदेश 12 सितंबर तक के लिए सुरक्षित रख लिया था, मुस्लिम पक्ष के वकील मेराजुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि जिला अदालत के इस निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी।

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